Defence forest area: मध्य प्रदेश के दुर्गम वन क्षेत्रों (DENCE FOREST AREA) में मोबाईल कनेक्टिविटी (MOBILE CONNECTIVITY) अभी भी बड़ी समस्या है. यहां के निवासियों को मोबाइल कनेक्टिविटी न मिलने से सरकार की तमाम योजनाओं के लाभ में तकलीफ आती है. मध्य प्रदेश में ऐसे लगभग 1635 गांव हैं. इनमें से कई ग्राम वनांचलों में स्थित हैं.
नीति और दिशा-निर्देश में संशोधन करने का निर्णय
अब राज्य सरकार ने टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर (TELECOM INFRASTRUCTUR) के विस्तार और वन क्षेत्रों के निवासियों को आसानी से इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वर्ष 2019 में जारी नीति और दिशा-निर्देश में संशोधन करने का निर्णय लिया है. सरकार द्वारा जारी संशोधन के अनुसार दूरसंचार सेवा प्रदाता (TELECOM SERVICE PROVIDER) द्वारा अवसंरचना (INFRASTRUCTURE) स्थापित करने के लिए निष्प्रभ क्षेत्र (Shadow Area) में वन क्षेत्र के अंतर्गत उपयुक्त स्थान का चयन कर विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग को अवगत कराया जायेगा. विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से जिला कलेक्टर उस स्थल पर दूरसंचार अवसंरचना स्थापित करने के उपयोग के लिए वन विभाग को आवेदन प्रस्तुत कर उपयोग का अधिकार प्राप्त करेगा. कलेक्टर द्वारा उपयोग के अधिकार और कब्जा प्राप्त हो जाने के बाद संबंधित दूरसंचार सेवा प्रदाता को अनुज्ञप्ति जारी की जायेगी.
शासन की विभिन्न सेवाओं का मिल सकेगा लाभ
वर्तमान में मध्य प्रदेश में दूरसंचार सेवा प्रदाता/इंटरनेट सेवा प्रदाता अवसंरचना प्रदाय कम्पनियों द्वारा वायर लाइन या वायरलेस आधारित वाइस या डाटा पहुंच सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए अवसंरचना की स्थापना हेतु नीति और दिशा-निर्देश 2019 दिनांक 23 फरवरी 2019 में लागू है. प्रदेश के कई दुर्गम क्षेत्रों में दूरसंचार अवसंरचना स्थापित न होने के कारण मोबाइल डाटा कनेक्टिविटी उपलब्ध नहीं है. शिक्षा, स्वास्थ्य, प्रवेश परीक्षाएं, ऑनलाइन कक्षाएं, नागरिक सेवाएं आदि गतिविधियों के लिए इंटरनेट और मोबाइल कनेक्टिविटी अनिवार्य है. ऐसे लगभग 1635 गांव हैं. इनमें से कई ग्राम वनांचलों में स्थित है. इस निर्णय से दुर्गम वन क्षेत्रों में दूरसंचार अवसंरचना का विस्तार होगा और नागरिकों को शासन की विभिन्न सेवाओं का लाभ सुविधाजनक स्थान पर प्राप्त हो सकेगा.
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