MP High Court on Ex-Service Men Reservation in MPPSC: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में भूतपूर्व सैनिकों को नियमों के मुताबिक एमपी पीएससी (MP PSC Ex Service Men Reservation) में आरक्षण न देने के मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर हुई है. इस प्रकार भूतपूर्व सैनिकों (Ex Service Men) के हितों से जुड़ा बड़ा गंभीर सवाल मध्यप्रदेश हाई कोर्ट में आया है. हाईकोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई के दौरान सरकार से पूछा है कि जब नियमों में प्रावधान है तो मप्र लोक सेवा आयोग (MPPSC) द्वारा की जा रही भर्तियों में भूतपूर्व सैनिकों को आरक्षण का लाभ क्यों नहीं दिया जा रहा है?


कोर्ट ने दिया नोटिस –


मामले पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद जस्टिस एस ए धर्माधिकारी की एकलपीठ ने राज्य सरकार और पीएससी को नोटिस जारी कर 4 हफ्ते में जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं.
यहां बता दें कि तीन भूतपूर्व सैनिक अनिल पवार, फुलवन्त सिंह तथा खेमराज रघुवंशी ने अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर आयोग द्वारा 2019 की चयन प्रक्रिया को चुनौती दी है. उन्होंने दलील दी कि भूतपूर्व सैनिकों की पीएससी परीक्षा पास करने के बाद केवल क्लास थ्री के पदों पर ही नियुक्तियां दी जाती हैं.


नहीं माना जाता शासन का आदेश -


मध्य प्रदेश शासन के स्पष्ट निर्देश के साथ-साथ शासन ने भूतपूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण अधिनियम 1985 के नियम 6 के अंतर्गत भूतपूर्व सैनिकों को तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के आरक्षित पदों पर नियुक्ति के लिए शैक्षणिक योग्यता में छूट दी है. इसके अलावा सामान्य प्रशासन विभाग ने 6 अप्रैल 2013 को इस संबंध में स्पष्ट निर्देश भी जारी किए हैं.


नियमों को भी करते हैं अनदेखा -


इसके बावजूद आयोग द्वारा भूतपूर्व सैनिकों को अनारक्षित/सामान्य वर्ग जैसा ही मान्य किया गया है. इस कारण 2019 की मुख्य परीक्षा में 11 में से मात्र 8 भूतपूर्व सैनिकों को ही साक्षात्कार के लिए पात्र माना गया है, जबकि शासन के नियम के अनुसार कुल रिक्त पदों की तीन गुना संख्या में कैंडिडेट्स का सेलेक्शन होना चाहिए. कोर्ट ने इस मामले में नोटिस जारी करते हुए 4 हफ्ते बाद सुनवाई के निर्देश दिए हैं.


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