MP Highcourt: जैसे-जैसे आम लोगों के जीवन में इंटरनेट ने अपने पैर पसारे हैं, वैसे-वैसे पश्चिमी देशों में रहने के तौर-तरीकों को देश में अपनाया जाने लगा है. हालांकि अभी भी देश के अधिकतर परिवार अपनी संस्कृति और परंपरा के साथ जीवन यापन कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर कई युवाओं की सोच में बदलाव आया है और यही वजह है कि देश में अब 'लिव-इन रिलेशनशिप' (live-in Relationship) को कोई आसानी से स्वीकार कर रहा है तो कोई उसके बुरे परिणाम भुगत रहा है.

 

इस बीच लिव-इन रिलेशनशिप की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा है कि इससे यौन अपराधों को बढ़ावा मिल रहा है. हाईकोर्ट ने लिव-इन को सामाजिक अपराध बताया और कहा कि इससे समाज मे विकृतियां फैल रही हैं. हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने महिला से कई बार रेप और जबरदस्ती अबॉर्शन कराने की याचिका पर सुनवाई के दौरान 25 साल ते आरोपी की जमानत याचिका भी खारिज कर दी.

 

यौन अपराधों में लगातार हो रहा है इजाफा: हाईकोर्ट

 

हाईकोर्ट ने कहा कि लिव-इन रिलेशनशिप संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत दिए गए अधिकारों का एक 'सह-उत्पाद' है, जिससे यौन अपराधों और संलिप्तता में बढ़ोतरी हो रही है. हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ के जस्टिस सुबोध अभ्यंकर ने 12 अप्रैल को जारी आदेश में कहा, "हाल के दिनों में लिव-इन रिलेशनशिप से पैदा हुए अपराधों की बाढ़ का संज्ञान लेते हुए अदालत यह टिप्पणी करने पर मजबूर है कि यह भारतीय समाज के लोकाचार को निगल रहा है. यह तीव्र कामुक व्यवहार के साथ ही व्यभिचार को बढ़ावा दे रहा है. जिससे यौन अपराधों में लगातार इजाफा हो रहा है. लिव-इन रिलेशनशिप नागरिकों को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की गारंटी का सह-उत्पाद है."

 

"आरोपी कर रहा था परेशान"

 

वहीं हाइकोर्ट ने कहा, ‘जो लोग इस आजादी का शोषण करना चाहते हैं, वे इसे तुरंत अपनाते हैं, लेकिन वे इस बात से पूरी तरह अनभिज्ञ हैं कि इसकी अपनी सीमाएं हैं. यह आजादी (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की गारंटी) दोनों में किसी भी जोड़ीदार को एक-दूसरे पर कोई अधिकार प्रदान नहीं करती है.  हाईकोर्ट ने जिस याचिका की सुनवाई के दौरान कहा कि 25 साल का युवक और पीड़ित महिला काफी समय तक लिव-इन रिलेशनशिप में रहे थे. उस दौरान महिला दो बार से ज्यादा गर्भवती हो गई और आरोपी ने दबाव डालकर महिला का गर्भपात करा दिया. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले में ये बात भी सामने आई है कि महिला की सगाई कहीं और हो गई थी, जिसके बाद आरोपी उसे परेशान कर रहा था. इसी वजह से विवाद हुआ और मामला कोर्ट तक जा पहुंचा.

 

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