MP News: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (High Court) के आदेश के बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) विभाग की टीम सर्वे करने के लिए धार स्थित भोजशाला पहुंची. इंदौर हाईकोर्ट ((Indore High Court)) की खंडपीठ ने सर्वेक्षण का आदेश गुरुवार को भारतीय पुरात्व सर्वेक्षण विभाग को दिया था.
इंदौर हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित भोजशाला का सर्वे आर्कियोलॉजी सर्वे ऑफ इंडिया करेगी. उत्तर प्रदेश की ज्ञानवापी की तर्ज पर होने वाले इस सर्वे की रिपोर्ट एएसआई को 6 सप्ताह में न्यायालय को सौंपनी होगी.
भोजशाला दोनों पक्ष के लिए अहम
दरअसल, धार भोजशाला वह स्थान है, जहां पर मंगलवार को हिंदू पूजा करते हैं तो वहीं शुक्रवार को मुस्लिम समाज के लोग नमाज अदा करते हैं. वैसे तो इस स्थान पर प्रवेश करने के लिए एक रुपये का टिकट लेना होता है, लेकिन पूजा और नमाज के लिए यह नि:शुल्क है.
दोनों पक्षों की मौजूदगी में होगा सर्वेक्षण
इस मामले को लेकर हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस ने इंदौर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. हिंदू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया है कि भोजशाला का सर्वे दोनों पक्षों की मौजूदगी में होगा. इससे भोजशाला के मूल स्वरूप की सच्चाई सामने आ सकेगी. इस मामले की अगली सुनवाई 29 अप्रैल को प्रस्तावित है. इस सुनवाई से पहले सर्वे रिपोर्ट न्यायालय में पेश की जाएगी.
वीएचपी ने किया हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत
इस मामले में विश्व हिंदू परिषद मालवा प्रांत के प्रवक्ता रवि कसेरा ने भोजशाला के वैज्ञानिक सर्वेक्षण कराने को लेकर उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ के आदेश का स्वागत किया है. उन्होंने कहा, "वैसे तो भोजशाला की दीवारें सब स्पष्ट कर देती हैं, फिर भी एएसआई की टीम सर्वे के लिए ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार और मॉडर्न टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके इस सर्वे के जरिए बिना खुदाई करे दीवारों और जमीन के अंदर का सच बाहर लेकर आएगी."
रवि कसेरा के मुताबिक यह हिंदू समाज की बड़ी जीत है. हमें पूर्ण विश्वास है कि आगामी समय में भोजशाला भी समस्त प्रतिबंधों से मुक्त होगी और जल्द ही मां सरस्वती मंदिर के रूप में हम सभी हिंदू निर्बाध रूप से प्रतिदिन भोजशाला में सरस्वती का पूजन, अर्चन, हवन इत्यादि कर सकेंगे.
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