Shivpuri News: नए चुने गए सरपंच को जीत का प्रमाण पत्र देने के लिए मांगी तीन लाख की रिश्वत, गिरफ्तार हुआ नायब तहसीलदार
MP News: मध्य प्रदेश के शिवपुरी में एक नव निर्वाचित सरपंच को प्रमाण पत्र देने के नाम पर नायब तहसीलदार ने कथित तौर पर तीन लाख रुपये की रिश्वत मांगी, जिसे लोकायुक्त पुलिस ने ट्रैप कर गिरफ्तार कर लिया.
MP Panchayat Chunav 2022: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के शिवपुरी (Shivpuri) जिले में एक नव निर्वाचित सरपंच (Newly Elected Sarpanch) से चुनाव (Election) जीतने के बाद प्रमाण पत्र (Certificate) देने के नाम पर कथित तौर पर रिश्वत (Bribe) मांगी गई. लोकायुक्त पुलिस (Lokayukta Police) ने प्रभारी तहसीलदार (Tehsildar In Charge) को कथित तौर पर एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. प्रदेश में हाल में पंचायत चुनाव संपन्न हुए हैं. पंचायत के चुनाव में निर्वाचित सरपंच को 14 जुलाई को प्रमाण पत्र वितरित होना है. आरोप है कि शिवपुरी जिले के बरसोला से सरपंच पद पर जीते उमाशंकर लोधी से खनियाधाना के प्रभारी तहसीलदार सुधाकर तिवारी ने तीन लाख रुपये की रिश्वत मांगी.
यह है पूरा मामला
उमाशंकर लोधी पांच वोट से चुनाव जीते थे. प्रभारी तहसीलदार सुधाकर तिवारी पर आरोप है कि वह उमाशंकर लोधी को इस बात को लेकर डरा रहे थे कि विपक्ष उनके पीछे पड़ा है और वह उन्हें प्रमाण पत्र नहीं लेने देगा. इसी बात को लेकर उनके बीच पैसों की कथित डील हुई. बताया जा रहा है कि बातचीत हुई तो मामला डेढ़ लाख रुपये में पट गया. इसके बाद पांच जुलाई को उमाशंकर लोधी ने लोकायुक्त एसपी रामेश्वर सिंह यादव से शिकायत कर दी.
जांच अधिकारी ने यह कहा
जांच अधिकारी इंस्पेक्टर कविंद्र सिंह चौहान ने बताया कि मंगलवार को नायब तहसीलदार और प्रभारी तहसीलदार के रूप में पदस्थ सुधाकर तिवारी को उनके शासकीय आवास पर एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया गया. आरोपी नायब तहसीलदार ने 10 जुलाई को 1 रुपये की रिश्वत आवेदक उमाशंकर लोधी से ले ली थी.
2012 बैच का अधिकारी है आरोपी
जांच अधिकारी कविंद्र सिंह चौहान ने बताया कि सुधाकर तिवारी 2012 बैच के अधिकारी हैं. वह पीएससी के माध्यम से शासकीय सेवा में आए थे. वर्तमान में उनके पास प्रभारी तहसीलदार का चार्ज है. उन्होंने उमाशंकर लोधी को एक लाख रुपये की रिश्वत लेकर अपने शासकीय आवास पर बुलाया था. जैसे ही उन्होंने रिश्वत की रकम ली, वैसे ही लोकायुक्त पुलिस ने उन्हें रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया.
इस तरह का मध्य प्रदेश का पहला मामला
लोकायुक्त पुलिस के इतिहास में मध्य प्रदेश का यह पहला मामला है जिसमें निर्वाचित जनप्रतिनिधि से प्रमाण पत्र वितरण के नाम पर रिश्वत मांगी गई हो. इस मामले के सामने आने के बाद प्रशासनिक अधिकारी भी आरोपी नायब तहसीलदार पर कार्रवाई के संकेत दे रहे हैं. बताया जा रहा है कि आरोपी नायब तहसीलदार को जल्द ही निलंबित किया जा सकता है.