उज्जैन: उज्जैन-इंदौर के बीच नई रेलवे लाइन ने जहां दो शहरों के बीच दूरी कम की है. वहीं दूसरी तरफ व्यापार रोजगार की नई रूपरेखा तैयार करने में भी काफी सहायक बन गई है. इसका सबसे ज्यादा लाभ उज्जैन इंदौर के बीच अप डाउन करने वाले लोगों को भी मिलने वाला है.
बता दें कि उज्जैन से फतेहाबाद के बीच 23 किलोमीटर लंबी रेल लाइन का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल उद्घाटन कर दिया है. अब उज्जैन और इंदौर के बीच रेल लाइन पर ट्रेनों का आवागमन भी शुरू हो गया है. पश्चिम रेलवे क्षेत्रीय रेल सलाहकार समिति के सदस्य महेंद्र गादिया ने बताया कि 24 फरवरी 2014 को मीटर गेज लाइन पूरी तरीके से बंद कर दी गई थी. इसके बाद 17 मार्च 2018 को तत्कालीन रेल मंत्री पीयूष गोयल ने इसका शिलान्यास किया था. श्री गादिया के मुताबिक कोरोना की वजह से कार्य में थोड़ी देरी जरूर हो गई है लेकिन उज्जैन-इंदौर के बीच रेल लाइन व्यापार के नए आयाम खड़े करेगी.
किराए की बचत के साथ सुविधा भी
उज्जैन सांसद अनिल फिरोजिया के मुताबिक उज्जैन- इंदौर के बीच फिलहाल ₹40 किराया लिया जा रहा है. आने वाले दिनों में कोविड-19 का अतिरिक्त भार कम होने पर किराया और कम होने की संभावना है. सांसद के मुताबिक वर्तमान में बस में ₹70 किराया लग रहा है. ऐसी स्थिति में किराए की बचत के साथ-साथ रेल के माध्यम से यात्रा सुरक्षित और इंदौर शहर के बीच यात्रियों का आवागमन होना बेहद सुखद है.
पहले दिन 25 टिकट बिके
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक उज्जैन से इंदौर के बीच मेमो ट्रेन सुबह 6:20 बजे और शाम 4:00 बजे रवाना होगी जो कि 1 घंटे 40 मिनट में इंदौर पहुंच जाएगी. ट्रेन चालू होने के पहले दिन मंगलवार सुबह 6:20 बजे निकलने वाली मेमो ट्रेन के कुल 25 टिकट बिके हैं. अब धीरे-धीरे आने वाले दिनों में यह संख्या बढ़ती जाएगी.
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