Jabalpur: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मध्य प्रदेश पुलिस (MP Police) के आतंकवाद विरोधी दस्ते (ATS) के साथ मिलकर जबलपुर में आईएसआईएस (ISIS) से जुड़े आतंकी मॉड्यूल का भांडाफोड़ किया है. एनआईए ने शुक्रवार और शनिवार को जबलपुर में 13 स्थानों पर छापेमारी करते हुए इस आतंकी मॉड्यूल से जुड़े तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. तलाशी के दौरान भारी मात्रा में धारदार हथियार, गोला-बारूद (निषिद्ध बोर सहित), आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल उपकरण भी जब्त किए गए. बताया जा रहा है कि पकड़ गए आरोपी किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की साजिश रच रहे थे. 


टेरर फंडिग मामले में जबलपुर से पकड़े गए 3 आरोपियों  को भोपाल लाया गया. पकड़े गए इन आरोपियों को एनआईए की रघुबीर प्रसाद पटेल कोर्ट में पेश पेश किया गया है. इसके अलावा आधा दर्जन से ज्यादा आरोपियों को एनआईए ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है.


एनआईए और आटीएस से जुड़े सूत्रों ने बताया कि दोनों एजेंसी के खुफिया नेतृत्व वाले संयुक्त अभियान में जबलपुर में आईएसआईएस से जुड़े एक आतंकी मॉड्यूल का भांडाफोड़ किया गया है. इस मामले में जबलपुर से तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. ये गिरफ्तारियां 26 और 27 मई को जबलपुर में 13 जगहों पर  छापेमारी के बाद हुई हैं. गिरफ्तार आरोपी सैयद मामूर अली, मोहम्मद आदिल खान और मोहम्मद शाहिद को भोपाल में एनआईए की विशेष अदालत में पेश किया जा रहा है. तलाशी के दौरान इनके ठिकाने से भारी मात्रा में धारदार हथियार, गोला- बारूद, आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल उपकरण भी मिलने की खबर है.


आरोपी आदिल अगस्त 2022 से था एजेंसी के राडार पर


बताया गया है कि अगस्त 2022 में एनआईए ने मोहम्मद आदिल खान की आईएसआईएस समर्थक गतिविधियों की पहचान की थी. वह तभी से एजेंसी के राडार पर था. जांच के बाद एनआईए ने 24 मई को मामला (आरसी14/2023/एनआईए/डीएलआई) दर्ज किया था. एजेंसी के मुताबिक आदिल और उसके सहयोगी आईएसआईएस के इशारे पर भारत में हिंसक आतंकी हमले करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के साथ जमीनी 'दावा' कार्यक्रमों के माध्यम से प्रचार प्रसार में शामिल थे. आरोप है कि उनका मॉड्यूल स्थानीय मस्जिदों और घरों में बैठकें करता था. वे देश में आतंक फैलाने की योजना और साजिशें रचते थे.


हथियार और गोला- बारूद खरीदने की फिराक में थे आरोपी


एनआईए के मुताबिक तीनों आरोपी अत्यधिक कट्टरपंथी और हिंसक जिहाद को अंजाम देने के लिए दृढ़ थे. वे फंड इकट्ठा करने, आईएसआईएस प्रचार सामग्री का प्रसार करने, युवाओं को प्रेरित करने और भर्ती करने और आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के उद्देश्य से हथियार और गोला- बारूद खरीदने की कोशिश में लगे हुए थे.


आरोपी मामूर इस नाम से चलाता था ग्रुप


बताया जाता है कि सैयद मामूर अली ने 'फिसाबिलिल्लाह' के नाम से एक स्थानीय तंजीम बनाई थी. इसी नाम से वह एक व्हाट्सएप समूह भी संचालित कर रहा था. मामूर अपने साथियों के साथ पिस्तौल खरीदने की कोशिश कर रहा था. इसके लिए वह जबलपुर स्थित एक अवैध हथियार आपूर्तिकर्ता के संपर्क में था.


आदिल युवाओं की भर्ती का देखता था काम


वहीं एक अन्य कट्टर आईएसआईएस अनुयायी और समर्थक आदिल ने जबलपुर स्थित समान विचारधारा वाले कट्टरपंथी व्यक्तियों के एक सक्रिय समूह को इकट्ठा करने में कामयाबी हासिल की थी. एनआईए की जांच के अनुसार, मॉड्यूल के कुछ सदस्य पहले से ही विदेश भागने की फिराक में थे. जबकि अन्य की भारत में हिंसक गतिविधियो को अंजाम देने के लिए एक स्थानीय संगठन बनाने की योजना कर रहे थे.


आदिल युवाओं को आईएसआईएस में शामिल करने के लिए प्रेरित करने और भर्ती करने के लिए कई यूट्यूब, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप चैनल भी चला रहा था. जांच में आगे पता चला कि शाहिद ने पिस्तौल सहित अन्य हथियार खरीदने की भी योजना बनाई थी. वह भारत में हिंसक हमलों के लिए आईईडी और ग्रेनेड का इंतेजाम करने की फिराक में था.


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