मध्य प्रदेश सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच बड़ी खबर सामने आई है. अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाली पोस्ट के मामले में कांग्रेस की प्रियंका गांधी वाद्रा और अन्य नेताओं के सोशल मीडिया अकाउंट के संचालकों (हैंडलर) के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी पर फिलहाल नोटिस भेजने की कोई योजना नहीं है. उन्होंने कहा कि पुलिस इस मामले में सबूत एकत्र कर रही है.


इंदौर पुलिस ने पिछले हफ्ते '50 प्रतिशत कमीशन सरकार' पोस्ट को लेकर प्रियंका गांधी वाद्रा, मप्र कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव के 'एक्स' खातों के 'हैंडलर' के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी.


मध्य प्रदेश खुफिया शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को कहा कि अब तक कम से कम 10 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं. उन्होंने कहा, ‘‘फिलहाल हम फर्जी पत्र (50 फीसदी कमीशन का उल्लेख करने वाले) के स्रोत और इसके लिए जिम्मेदार व्यक्ति की जांच कर रहे हैं.’’ अधिकारी ने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है और सबूत एकत्र कर रही है.


उन्होंने कहा, ''फिलहाल, हमारी उन्हें (कांग्रेस नेताओं के सोशल मीडिया अकाउंट के संचालकों को) नोटिस भेजकर जवाब मांगने या पेश होकर अपना पक्ष स्पष्ट करने के लिए कहने की कोई योजना नहीं है.'' हालांकि, वह इस बात पर संशय में दिखे कि क्या इस मामले में गिरफ्तारियां की जाएंगी.


उन्होंने कहा, ‘‘इस मामले में गिरफ्तारी नहीं की जा सकती, क्योंकि जिन धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है, उनमें सात साल या उससे अधिक की सजा का प्रावधान नहीं है. लेकिन यह भी हम नहीं कह सकते.'


उन्होंने कहा, ‘‘ उदाहरण के लिए यदि जांच के दौरान जालसाजी साबित हो जाती है, तो भारतीय दंड संहिता की धारा 467, जो एक गैर-जमानती अपराध है, को प्राथमिकी में जोड़ा जाएगा तो चीजें अलग होंगी. धारा 467 के तहत आजीवन कारावास या 10 साल कैद और जुर्माना का प्रावधान है.’’


उन्होंने कहा कि पुलिस ने प्राथमिकी में नामित किसी भी व्यक्ति को कोई नोटिस नहीं दिया है. ऐसे मामलों में पुलिस आम तौर पर आरोपी व्यक्तियों को जवाब देने के लिए नोटिस भेजती है या आरोप पत्र दाखिल करने से पहले उन्हें बयान दर्ज करने के लिए बुलाती है.


अधिकारी ने कहा कि हमें उन सभी व्यक्तियों को नोटिस देने की जरूरत नहीं है जिनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है.


वाद्रा ने शुक्रवार को एक्स पर दावा किया कि मध्य प्रदेश के ठेकेदारों के एक संघ ने उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर शिकायत की है कि उनका भुगतान 50 प्रतिशत कमीशन देने के बाद ही जारी किया जाता है.


एक्स पर जारी एक बयान में इंदौर पुलिस आयुक्त ने कहा था कि स्थानीय भाजपा के कानूनी सेल के संयोजक निमेश पाठक ने शिकायत की थी कि ज्ञानेंद्र अवस्थी नामक व्यक्ति के नाम से एक फर्जी पत्र सोशल मीडिया पर प्रसारित किया गया है.


कथित पत्र के बारे में पूछे जाने पर खुफिया शाखा के अधिकारी ने सोमवार को कहा कि न तो वह व्यक्ति (ज्ञानेंद्र अवस्थी) और न ही संगठन (ठेकेदारों का संघ) अस्तित्व में है. उन्होंने कहा कि अगर अवस्थी और ऐसी कोई संस्था नहीं है तो पत्र फर्जी है और यह जांच का विषय है.


उन्होंने कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने (फर्जी) पत्र को लेकर एक्स पर अपना बयान पोस्ट किया था, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उन्होंने यह (विवाद) शुरू किया. अधिकारी ने बताया कि पत्र शायद फेसबुक, व्हाट्सएप और अन्य सोशल नेटवर्किंग साइट पर सामने आया है. लेकिन आप अपने हैंडल से इसे पोस्ट करते हैं, तो क्या यह ठीक है? आपने (पत्र) कहां से उठाया, यह तो आप ही जानते हैं.


प्रियंका (गांधी वाद्रा) ने अपनी पोस्ट में एक अखबार की रिपोर्ट (50 प्रतिशत कमीशन के संबंध में) शामिल किया है, इसलिए मैं कह रहा हूं कि जांच आगे की कार्रवाई तय करेगी.


उन्होंने कहा कि मप्र में 10 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं, लेकिन हम राज्य के हर जिले से विवरण नहीं लेते हैं. अधिकारी ने मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया कि 40 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं.


इंदौर पुलिस के एक अधिकारी ने कहा था कि पाठक की शिकायत पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 469 (प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के इरादे से जालसाजी) के तहत मामला दर्ज किया गया है.


वाद्रा ने शुक्रवार को 'एक्स’ पर पोस्ट करके दावा किया था कि मध्य प्रदेश के ठेकेदारों के एक संघ ने उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर शिकायत की कि उनका भुगतान 50 प्रतिशत कमीशन देने के बाद ही जारी किया जाता है.


उन्होंने पोस्ट में लिखा, ‘‘ कर्नाटक में भाजपा की भ्रष्ट सरकार 40 प्रतिशत कमीशन वसूलती थी. मध्य प्रदेश में भाजपा अपने ही भ्रष्टाचार के रिकॉर्ड को तोड़कर आगे निकल गई है. कर्नाटक की जनता ने 40 प्रतिशत कमीशन वाली सरकार को हटा दिया, अब मध्य प्रदेश की जनता 50 प्रतिशत कमीशन वाली सरकार को सत्ता से हटायेगी.' नाथ और यादव ने भी इसी तरह के पोस्ट किए.