एमपी न्यूज: उज्जैन (Ujjain) के महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple) में अब जनप्रतिनिधियों को अकेले ही जाना पड़ेगा. उनके प्रोटोकॉल (Protocall) की सुविधा को खत्म कर दिया गया है. यह व्यवस्था आचार संहिता लागू रहने तक रहेगी. अब महाकालेश्वर मंदिर समिति द्वारा किसी भी जनप्रतिनिधि को कोई प्रोटोकॉल मुहैया नहीं कराएगा.


किसको मिलता है वीआईपी प्रोटोकॉल 


उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में वीआईपी को प्रोटोकॉल मिलता है. इनमें विधायक, मंत्री, राज्यसभा सांसद, लोकसभा सांसद आदि शामिल हैं. यह प्रोटोकॉल फिलहाल अस्थायी रूप से खत्म कर दिया गया है. महाकालेश्वर मंदिर समिति के अध्यक्ष और कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि आचार संहिता लागू होने के बाद प्रोटोकॉल व्यवस्था को खत्म कर दिया गया है. महाकालेश्वर मंदिर में आने वाले वीआईपी श्रद्धालुओं को भी आम श्रद्धालुओं की तरह ही दर्शन करना होंगे. 


आचार संहिता लागू रहने तक रहेगी व्यवस्था


उन्होंने बताया कि महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिदिन वीआईप का आवागमन होता रहता है. महाकाल मंदिर समिति की ओर से उनकी सुविधा को ध्यान में रखते हुए प्रोटोकाल मुहैया कराया जाता है. प्रोटोकॉल कर्मचारियों द्वारा वीआईपी को मंदिर में प्रवेश कराया जाता है. इसके अलावा दर्शन करने के बाद आदरपूर्वक वापस वाहन तक छोड़ दिया जाता है. यह व्यवस्था आम दिनों में लागू रहती है, लेकिन पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव की आचार संहिता के चलते इस व्यवस्था को निरस्त कर दिया गया है. महाकालेश्वर मंदिर समिति द्वारा किसी भी जनप्रतिनिधि को कोई प्रोटोकॉल मुहैया नहीं कराया जा रहा है. 


प्रतिदिन हजार भक्त करते हैं दर्शन


उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिदिन हजारों की संख्या में भक्त दर्शन करते हैं. इनमें वीआईपी श्रद्धालुओं की संख्या भी 100 से पार है.वीआईपी स्वयं आने के साथ-साथ उनके परिवार के सदस्य को भी प्रोटोकाल मुहैया कराया जाता है. फिलहाल मंदिर की ओर से प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं है.


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