Jabalpur News: मध्य प्रदेश में अब बिजली की डिमांड बढ़ने के साथ राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप भी शुरू हो गए है. कांग्रेस सांसद विवेक तंखा ने आरोप लगाया है कि शिवराज सरकार किसानों को खेती के लिए पर्याप्त बिजली नहीं दे रही है. वहीं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दावा किया है कि वे किसानों के लिए पर्याप्त बिजली की व्यवस्था में लगे है. हालांकि,बिजली की कमी से राज्य भर में अघोषित कटौती के हालात हैं. 


दरअसल, मानूसन में लंबे ब्रेक के चलते सूबे में अचानक से बिजली की डिमांड बढ़ गई है. इसके कारण बिजली कंपनी द्वारा अघोषित कटौती भी की जा रही है. कई क्षेत्रों में किसानों को मिलने वाली बिजली में भी कटौती की जा रही है. इससे खरीफ की फसलों को नुकसान हो रहा है. इसके साथ ही घरों की बिजली बंद होने से भी लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं. 


बिजली विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बारिश नहीं होने से फसलों की सिंचाई के साथ गर्मी और उमस में अधिक खपत के कारण बिजली की डिमांड अचानक बढ़ गई. इतनी डिमांड बढ़ने की संभावना बिजली कंपनी को भी नहीं थी. इसके कारण बिजली का संकट आ गया है. सोमवार (4 सितंबर) को बिजली की न केवल बारिश सीजन बल्कि गर्मी के सीजन से अधिक डिमांड रही. 


विवेक तंखा ने किया कटाक्ष


इसी बीच कांग्रेस की ओर से राज्यसभा सदस्य विवेक तंखा ने बिजली समस्या पर बीजेपी की जनआशीर्वाद यात्रा के बहाने कटाक्ष किया है. तंखा ने कहा कि प्रदेश में किसान परेशान है. जनता परेशान है,ये किस बात का आशीर्वाद लेना चाहते है. गांव में सिर्फ तीन-तीन घंटे बिजली मिल रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि इंदौर दौरे के दौरान किसान जहर पीने की मांग कर रहे थे. 


वहीं, निवाड़ी जिले के ओरछा में सोमवार को श्रीराम राजा लोक का शिलान्यास करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों से वादा किया कि बिजली की कमी नहीं होने दी जाएगी. सीएम चौहान ने जनता को प्रणाम करते हुए मंच से भगवान श्रीराम को याद करते हुए ’राम नाम सुखदाई भजन करो भाई ये जीवन दो दिन का’ भजन गाया. मुख्यमंत्री ने कहा, "मैं दिन रात प्रयास कर रहा हूं कि आप तक बिजली कैसे पहुंचाएं? मैं बिजली कही से भी लेकर आउंगा और आपको दूंगा. ताकि आप सिंचाई कर सको." उन्होंने आगे कहा कि मुझे जमीन आसमान एक करना पड़ा तो भी मैं जनता की सेवा से पीछे नहीं हटूंगा.


डिमांड से कम बिजली 


चार सितंबर को बिजली की डिमांड प्रदेश में अधिकतम 14400 मेगावॉट पर पहुंच गई. अगर बारिश नहीं होती है तो बिजली की डिमांड और बढ़ सकती है. वहीं, तीन सितंबर को अधिकतम डिमांड 13500 मेगावॉट रही. जबकि बिजली की उपलब्धता थर्मल जनरेशन से 2800 मेगावॉट, हायडल से 1987 मेगावॉट, नवकरणीय से 794 मेगावॉट, एनटीपीसी से 6313 मेगावॉट और अन्य जगहों से 528 मेगावॉट रही.इस तरह सूबे के पास कुल 12442 मेगावॉट की बिजली ही उपलब्ध रही.इसी प्रकार 2 सितंबर को 12700 मेगावॉट डिमांड रही जबकि कुल उपलब्धता 12399 मेगावॉट की रही. 1 सितंबर को 14300 मेगावॉट की डिमांड रही और उपलब्धता करीब 12705 मेगावॉट बिजली की रही.


ये भी पढ़ें


MP Election 2023: चुनाव आयोग कमिश्नर को कांग्रेस का सुझाव, एक हजार से कम की हार-जीत पर हो दोबारा मतगणना