MP Assembly Winter Session: देश के कई राज्यों में पुरानी पेंशन का मुद्दा गरमाया हुआ है, वहीं मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में पुरानी पेंशन का कोई भी प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है. इस बात का खुलासा मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान एक सवाल के जवाब में वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा (Jagdish Deora) ने किया है.


इस संबंध में कांग्रेस (Congress) के विधायक रविंद्र सिंह तोमर (Ravindra Singh Tomar) द्वारा कर्मचारियों की पुरानी पेंशन को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में जगदीश देवड़ा ने लिखित में बताया है कि, राज्य सरकार द्वारा एक जनवरी 2005 या उसके बाद नियुक्त होने वाले सभी शासकीय सेवक के लिए एनपीएस लागू की गई है. राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत न्यूनतम पेंशन का प्रावधान नहीं है. 


इस आधार पर शासकीय सेवक को मिलेगी एन्युटी


शासकीय सेवक द्वारा पूर्ण सेवाकाल में कुल जमा किए गए अंशदान औक राज्य सरकार की नियत अनुपात में अंशदान की कुल जमा राशि के 40 फीसद के आधार पर एन्युटी प्राप्त होती है. शेष राशि एकमुश्त भुगतान की जाती है. वित्त मंत्री देवड़ा ने इस संबंध में आगे बताया कि, यह राशि शासकीय सेवकों के वेतन और कुल सेवा अवधि पर आधारित होती है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में पुरानी पेंशन का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है.


विधानसभा में कांग्रेस विधायक ने पेंशन को लेकर पूछा था ये सवाल


मध्यप्रदेश विधानसभा शीतकालीन सत्र की शुरुआत हो चुकी है. जहां कांग्रेस के विधायक रविंद्र सिंह तोमर ने पुरानी पेंशन को लेकर वित्त मंत्री से पूछा था कि एक जनवरी 2005 के बाद नियुक्त राज्य सरकार के अधिकारियों और कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद पूर्व की भांति मिलने वाली पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने के संबंध में कोई कार्यवाही की जा रही है या नहीं? अगर हां तो कब तक, नहीं तो क्यों? इस सवाल का वित्त मंत्री देवड़ा ने उत्तर दिया है.


यह भी पढ़ें:


Sehore News: एक साल में ही उजड़ गया PM मोदी के नाम पर बना नमो उपवन, CM शिवराज के गृह क्षेत्र में अधिकारियों की घोर लापरवाही