MP News: जिस अफसर को सीएम शिवराज सिंह ने किया था मंच से सस्पेंड, कोर्ट ने लगाई निलंबन पर रोक
MP News: सीएम शिवराज सिंह चौहान द्वारा छिंदवाड़ा सीएमएचओ और सीधी डीईओ को निलंबित करने की कार्रवाई पर अदालत ने रोक लगाई.
MP News: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बीते कुछ दिनों से फिल्म नायक के अनिल कपूर की भूमिका में नजर आ रहे हैं. सीएम जहां जा रहे हैं वहां मंचों से अफसरों को फटकार लगाते हुए उन्हें संस्पेंड कर रहे हैं, लेकिन कोर्ट दो मामले सुनवाई की सुनवाई के बाद मुख्यमंत्री को बहुत बड़ा झटका दिया है. अदालत के इस रुख से साफ हो गया है कि सीएम पर अफसर भारी पड़ते नजर आ रहे हैं.
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मंच से छिंदवाड़ा सीएमएचओ और सीधी डीईओ को निलंबित किया था. दोनों अफसरों ने कोर्ट की शरण ली और कोर्ट ने दोनों ही अफसरों के निलंबन पर रोक लगा दी.
अदालत ने अफसरों के निलंबन पर लगाई रोक
बता दें कि बीते दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक मंच से छिंदवाड़ा जिले के प्रभारी सीएमएचओ डॉ. जीसी चौरसिया और सीधी डीईओ पवन कुमार सिंह सिंह को सीएम ने निलंबित कर दिया था. दोनों ही अफसरों ने कोर्ट में याचिका लगाई और दोनों ही अफसरों के निलंबन पर कोर्ट ने रोक लगा दी है. याचिकाकर्ता प्रभारी सीएमएचओ डॉ. जीसी चौरसिया की और से अधिवक्ता डीके त्रिपाठी ने पक्ष रखा जबकि सीधी डीईओ पवन कुमार सिंह की और से अधिवक्ता भूपेन्द्र कुमार शुक्ला ने पक्षा रखा.
स्थानीय नेताओं ने उठाया फायदा
प्रभारी सीएमएचओ डॉ. जीसी चौरसिया और अधिवक्ता डीके त्रिपाठी ने न्यायालय के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए बताया कि स्थानीय नेताओं ने राजनीतिक फायदा उठाने के लिए 22 सितंबर को सभा के दौरान सीएम से शिकायत की. शिकायत के आधार पर सीएम अफसरों को हटाने का आदेश दे दिया. अगले दिन जिला अस्पताल पदस्थ कर दिया. इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी. कोर्ट ने उनकी वरिष्ठता देखते हुए सरकार के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी.
दूसरी बार सीएम जब छिंदवाड़ा आये तो निलबिंत करने का निर्देश दे दिया. इसी का हवाला देकर आयुक्त लोक स्वास्थ्य ने निलंबित कर डिंडोरी अटैच करने का आदेश जारी कर दिया. हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगाते हुए राज्य शासन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में जवाब पेश करने के आदेश दिए.
पहले से ही कर रखी थी तैयारी
बताया जा रहा है कि सीधी डीईओ पवन कुमार और अधिवक्ता भूपेन्द्र कुमार शुक्ला ने पक्ष रखते हुए बताया कि सीएम ने मंच से निलंबन का आदेश दिया था. जनसेवा अभियान कार्यक्रम में शिकायत मिली थी. जिस पर आधार पर कलेक्टर ने रिपोर्ट दी और कार्यक्रम में ही सीएम चौहान ने निलंबित कर दिया था. याचिकाकर्ता का आरोप है कि उसे राजनीतिक कारणे से दुर्भावनावश निलंबित कर दिया गया है. आरोप है कि याचिकाकर्ता को निलंबित करने की तैयारी पहले से ही कर रखी थी.
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