जबलपुर: शहर के न्यू लाइफ मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में सोमवार को लगी आग ने 8 परिवारों को गम के सागर में डुबो दिया. इस अग्निकांड में मरने वालों में एक शख्स ऐसा भी था, जिसकी जिंदगी की डोर महज चंद मिनटों की देरी की वजह से टूट गई. अब इस पीड़ित परिवार ने अस्पताल पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है. वहीं पुलिस ने इस अग्निकांड के मामले में अस्पताल के चार डायरकेटरों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. पुलिस ने दो प्रत्यक्षदर्शियों के आधार पर दर्ज किया है.


एक्सिडेंट के बाद हुआ था पैर में फ्रैक्चर


हॉस्पिटल अग्निकांड में मारे गए दुर्गेश सिंह राजपूत पिछले 8 दिन से न्यू लाइफ मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में इलाज करा रहे थे. एक्सीडेंट की वजह से उनके एक पैर में फ्रैक्चर हो गया था. इसका इलाज अस्पताल में चल रहा था. हादसे के दिन यानी सोमवार को सुबह करीब 11 बजे दुर्गेश को डिस्चार्ज किया जाना था लेकिन यहां भी अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही उनके लिए जानलेवा साबित हुई.


मृतक के भाई धर्मेंद्र का कहना है कि सुबह 11 बजे से वो डिस्चार्ज के दस्तावेज तैयार कराने के लिए अस्पताल के कर्मचारियों के चक्कर काट रहे थे, लेकिन कर्मचारियों ने कहा कि तकरीबन 3:30 बजे तक उन्हें मरीज की पूरी फाइल बनाकर दे दी जाएगी. वे लोग दुर्गेश के डिस्चार्ज होने का इंतजार करते रहे. बस यही देरी दुर्गेश की मौत की वजह बन गई और अग्निकांड की चपेट में आने से उनकी जान चली गई. अब पूरे परिवार में मातम का माहौल है. परिवार के लोग चाहते है कि अस्पताल प्रबंधन पर सख्त करवाई की जानी चाहिए.


पुलिस ने दर्ज की चार डायरेक्टरों पर केस


न्यू लाइफ मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में लगी इस भीषण आग के मामले में पुलिस ने एक एफआईआर दर्ज की है. पुलिस ने प्रत्यक्षदर्शी अतुल जैन और आग में झुलसे देवलाल वरकड़े और हल्की बाई के बयानों के आधार पर विजय नगर थाना में धारा 304, 308, 34 के तहत एफआईआर दर्ज की है. पुलिस ने अस्पताल को सील कर दिया है.पुलिस ने इस मामले में अस्पताल के चार डायरेक्टर्स को आरोपी बनाया है. इस अग्निकांड में आठ लोगों की मौत हो गई थी और पांच लोग झुलस गए थे.


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