(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Sagar News: सागर के मोकलपुर में निर्विरोध चुनी गई महिला पंच-सरपंच, सरकार देगी इतने रुपये की प्रोत्साहन राशि
MP News : मोकलपुर पंचायत पिछले बार भी निर्विरोध चुनी गई थीं. इस ग्राम पंचायत के 20 वार्डों में पंच का एक-एक और सरपंच के लिए एक ही पर्चा भरा गया. सभी महिला प्रतिनिधि यहां निर्विरोध चुना जाना तय हो गया.
सागर: मध्य प्रदेश के पंचायत चुनाव में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने निर्विरोध पंचायत चुनाव को लेकर प्रोत्साहन राशि का एलान किया था. शिवराज सरकार के इस एलान का असर दिख रहा है. पंचायत चुनाव में सोमवार को नामांकन भरने का आखिरी दिन था. सागर जनपद की मोकलपुर ग्राम पंचायत में निर्विरोध महिला सरकार चुनी जा रही है. नामांकन के आखिरी दिन इस पंचायत में सरपंच और पंच पद के एक-एक नामांकन ही दाखिल हुए. इस गांव में पिछले कई बार से निर्विरोध पंच-सरपंच चुने जा रहे हैं.
शिवराज सरकार देगी प्रोत्साहन राशि
मोकलपुर पंचायत पिछले बार भी निर्विरोध चुनी गई थीं. इस ग्राम पंचायत के 20 वार्डों में पंच का एक-एक और सरपंच के लिए एक ही पर्चा भरा गया. सभी महिला प्रतिनिधि यहां निर्विरोध चुना जाना तय हो गया. अब मोकलपुर ग्राम पंचायत में महिलाओं की सरकार रहेगी. पिछली दफा पंचायत चुनाव-2014 में भी निर्विरोध चुने जाने पर महिला सरकार मोकलपुर ग्राम पंचायत में बनी थी. शिवराज सरकार ने इस दफा 5 से 15 लाख रुपये तक की प्रोत्साहन राशि निर्विरोध पंच-सरपंत चुनाव होने पर देने की घोषणा की है. मोकलपुर ग्राम पंचायत को 15 लाख रुपये मिलेंगे.
अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है सरपंच पद
मोकलपुर ग्राम पंचायत में सरपंच पद एसटी वर्ग के लिए आरक्षित है. वहीं पंचायत में 20 वार्ड हैं. पंचायत सचिव ने बताया कि 6 जून शाम 5 बजे तक सरपंच पद के लिए उम्मीदवार प्रेमरानी चढ़ार ने नामांकन जमा किया है. वहीं 20 वार्डों में पंच पद के लिए भी एक-एक नामांकन जमा हुए हैं. इससे गांव में सरपंच और पंच निर्विरोध चुने जाएंगे.
पहले भी निर्विरोध चुने गए हैं पंच-सरपंच
मोकलपुर ग्राम पंचायत के सन 1978 में सरपंच रहे और मध्य प्रदेश खनिज विकास निगम के उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह मोकलपुर बताते हैं कि पिछले पांच चुनाव से ग्राम पंचायत मोकलपुर में सिर्फ एक दफा ही चुनाव हुए हैं. गांव वालों ने हमेशा चौपाल पर बैठकर निर्विरोध की परम्परा बनाये रखी है. लगातार दूसरी दफा महिलाओं की पूरी पंचायत सौंपने की सफल परंपरा आगे बढ़ रही है. उन्होंने बताया कि इस दफा पूर्व सरपंच पुष्पेंद्र सिंह ने इसके लिए काफी मेहनत की. उन्होंने गांव वालों की बैठक बुलाकर सरपंच और पंच महिलाओं को चुनने पर सहमति बनाई थी. इसके बाद प्रेमरानी चढ़ार को सरपंच बनाने का निर्णय गया. इसी कारण पंचायत चुनाव में किसी ओर ने नामांकन जमा नहीं किया.
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