(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
MP News: जन्म से एक कान नहीं होने पर तीन माह की बच्ची की हत्या, माता-पिता को हुई उम्रकैद
Madhya Pradesh News: बच्ची का गुदड़ी में लिपटा शव खजराना क्षेत्र में 16 मार्च 2016 को कचरे के ढेर में पड़ा मिला था. बच्ची का शव मिलने के बाद रावल और उसकी पत्नी ने उसे पहचानने तक से इनकार कर दिया था.
Indore News: इंदौर में एक जन्मजात शारीरिक विकृति के चलते तीन माह की बच्ची की हत्या के आरोपी माता-पिता को अदालत ने उम्रकैद ( Life Imprisonment ) की सजा सुनाई है. कोर्ट ने दोनों को अपने तीन माह की बच्ची को जन्मजात शारीरिक विकृति की वजह से उसकी हत्या कर कचरे के ढेर में फेंकने का दोषी पाया था. अभियोजन के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.
जिंदगी भर रहेंगे जाल में
अधिकारी ने बताया कि एक विशेष अदालत ने इस मामले में 50 वर्षीय पप्पू रावल और उसकी पत्नी 45 वर्षीय संगीता रावल को आईपीसी की धारा 302 (हत्या) के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई. उन्होंने बताया कि सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी अविसारिका जैन ने परिस्थितिजन्य और वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर दोनों मुजरिमों पर उनकी तीन माह की बेटी के सिर पर संडासी (रसोई में इस्तेमाल होने वाला औजार) मारकर हत्या का जुर्म साबित किया.
पहचानने से किया इंकार, डीएनए से हुई पुष्टि
अधिकारी ने बताया कि इस बच्ची का गुदड़ी में लिपटा शव खजराना क्षेत्र में 16 मार्च 2016 को कचरे के ढेर में पड़ा मिला था. उन्होंने बताया कि बच्ची का शव मिलने के बाद रावल और उसकी पत्नी ने उसे पहचानने तक से इनकार कर दिया था, लेकिन डीएनए जांच रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि वे ही उसके जैविक माता-पिता हैं.
अधिकारी ने बताया कि हत्याकांड की शिकार बच्ची का जन्म से एक कान नहीं था और वह मुजरिम दम्पति के परिवार में जन्मी दूसरी बेटी थी. उसके माता-पिता उसकी इस शारीरिक विकृति को स्वीकार नहीं कर नहीं पा रहे थे. दरअसल, इस घटना के लिए सिर्फ माता-पिता ही नहीं, बल्कि पूरा समाज दोषी है. बेटियों को आज भी हमारे समाज में सम्मान की नजर ने देखा जाता है और न ही बेटियों को वंश का आधार ही समझा जाता है. यही वजह की आए दिन बेटे की चाहत में गर्भ में ही बेटियों की हत्या की खबरें आती रहती है.
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