Pension Scam in MP Vidisha: मृतकों के खातों में पहुंची पेंशन की राशि, प्रशासन में मचा हड़कंप
Pension Scam in MP Vidisha: मध्य प्रदेश में केंद्र सरकार द्वारा नगरीय निकाय क्षेत्रों में हितग्राहियों को 11 तरह की पेंशन मिलती है.
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Pension Scam in MP Vidisha: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के विदिशा (Vidisha) में नगर पालिकाओं (Municipalities) में केंद्र और राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली पेंशन (Pension) राशि मृतकों के बैंक खातों में महीनों तक जमा होने का मामला उजागर हुआ है. जिससे विदिशा जिले में हड़कंप मच गया. नगर पालिका के कर्मचारी और अधिकारी आनन फानन में यह राशि वसूलने के लिए घर-घर जा रहे हैं.
200 से ज्यादा मृतकों के खातों में पहुंची पेंशन
200 से ज्यादा मृतकों के बैंक खातों में पेंशन डाल दी गई थी. इसमें से 100 मृतक हितग्राही के खातों से राशि वापस ले ली गई. मामला तब उजागर हुआ जब सामाजिक न्याय एवं कल्याण विभाग के उपसंचालक पीके मिश्रा ने पेंशन धारियों के भौतिक सत्यापन करने के निर्देश दिए. जब अधिकारी कर्मचारी ने पेंशनधारी हितग्राहियों के भौतिक सत्यापन किया तो कई गड़बड़ियां हितग्राहियों की पेंशन में सामने आईं.
इस दौरान विदिशा जिले की सिरोंज गंजबासौदा तीन नगरी निकाय में यह खुलासा हुआ कि यहां पर 200 से अधिक मृत हितग्राही पाए गए. इनके खातों में पेंशन की राशि जा रही थी. जिसमें से 100 मृतक हितग्राहियों के खातों से राशि वापस निकाल ली गई . बाकी हितग्राहियों के खाते से राशि निकालने को लेकर परिजनों को कहा गया है. यह राशि वापस सरकार के खाते में भेजी जाएगी.
मध्य प्रदेश में केंद्र सरकार द्वारा नगरीय निकाय क्षेत्रों में हितग्राहियों को 11 तरह की पेंशन मिलती है जिसमें निराश्रित, वृद्धावस्था पेंशन, सामाजिक सुरक्षा, विधवा, दिव्यांग सहित अन्य पेंशन शामिल हैं. पेंशन की राशि 600 रुपये प्रति माह होती है. विदिशा जिले में हर माह एक लाख हितग्राहियों को पेंशन दी जाती है.
सामाजिक न्याय एवं कल्याण विभाग के सत्यापन में हुआ खुलासा
सबसे खास बात यह है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सरकार की तमाम योजनाओं को लेकर सुबह से ही कलेक्टर एसपी सहित तमाम अधिकारियों के साथ लगातार मानिटरिंग करते थे, सख्त निर्देश भी देते थे और कई अधिकारियों पर गाज भी गिराते थे लेकिन विदिशा जिले में मुख्यमंत्री की बैठक का कोई असर नहीं हुआ.
गौरतलब है कि पेंशन घोटाले में विदिशा के काछीमोहल्ला में रहने वाले दुर्गेश खटीक के मुताबिक उनकी मां जानकी बाई की मृत्यु पिछले साल 20 अप्रैल को हुई थी. मई में उन्होंने नगर पालिका कार्यालय को मां की मृत्यु की सूचना देते हुए मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया था. इसके बाद भी मां के बैंक खाते में 9 माह तक पेंशन राशि जमा होती रही. जब नगरपालिका कर्मचारियों को अपनी गलती का अहसास हुआ तो उन्होंने पैसे वापस ले लिए.
इस पूरे मामले पर उपसंचालक पीके मिश्रा का कहना है इस पेंशन योजना में हितग्राहियों को हर साल जीवित होने का प्रमाण पत्र देने का प्रावधान नहीं है. इसलिए नगरीय निकायों का अमला स्वजनों या अन्य सूचना पर निर्भर रहता है. सूचना नहीं मिलने की वजह से ही गड़बड़ी हुई है. कितने मृतक खाते से राशि निकल गई अभी इसकी जांच चल रही है. इस गड़बड़ी के बाद शासन ने हर तीन माह में सत्यापन कराने के निर्देश दिए हैं. उन कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी जिन्होंने ध्यान नहीं रखते हुए मृतकों के खातों में पैसे डाल दिए.
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