ग्वालियर: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) गुना (Guna) के आरोन में शिकारियों ने पुलिसकर्मियों (Policemen) की हत्या कर दी थी. इसके बाद पुलिस (Police) ने कठोर कदम उठाए थे. इसके बाद भी शिकारियों पर लगता है कोई असर नहीं पड़ा है. बीते रोज शिकारियों ने ग्वालियर स्थित घाटीगांव के जंगलों में एक चीतल को गोली मार दी. बाद में घायल चीतल की मौत हो गई. ग्वालियर जिले में ग्वालियर-शिवपुरी राष्ट्रीय राजमार्ग पर घाटीगांव इलाका वन क्षेत्र है. इसमें वन विभाग की सबसे संवेदनशील मानी जाने वाली छोंडा और जौरासी वन चौकी क्षेत्र में पनिहार की कन्हेर झील के नजदीक शिकारियों ने एक चीतल को गोली मार दी. यह सूचना वन अमले तक एक साधु के जरिए पहुंची. इस सूचना पर रेंजर दीपेंद्र मोहन पाठक वन अमले के पास पहुंचे तो साधु ने कहा कि उन्हें गोली चलने की आवाज सुनाई दी थी. जब सर्चिंग शुरू की तो कन्हेर झील के पास खून से लथपथ एक चीतल पड़ा दिखा था, उन्होंने इसकी सूचना फारेस्ट वालों को दी. 


साधु ने दी थी गोली मारने की सूचना


वन टीम करीब तीन साल उम्र के घायल चीतल को उपचार के लिए पहले बरई ले गई. लेकिन जब वहां इलाज नहीं हो सका तो उसे लेकर ग्वालियर ले जाया गया. वहां इलाज तो शुरू हो गया लेकिन ज्यादा खून बह जाने और इंफेक्शन फैल जाने के कारण उसे बचाया नहीं जा सका. बीती शाम वन स्टाफ ने शिवपुरी लिंक रोड पर स्थित वन डिपो में उसका दाह संस्कार कर दिया.


इससे लगता है कि आरोन में शिकारियों द्वारा की गई बड़ी और निर्मम घटना और उसके बाद पुलिस की कठोर कार्रवाई का भी शिकारियों के हौंसले पर कोई असर नहीं पड़ा है. वे लगातार शिकार करने जंगल में जा रहे हैं. विगत पांच मई को एक खरगोश के शिकार की भी खबर मिली थी इसका एक वीडियो वायरल हुआ था. जिसमे आंतरी में इन शिकारियों को पकड़ने के बाद छोड़ने का वीडियो था. इस मामले में अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक विश्राम सागर शर्मा ने डीएफओ से इसकी जांच करने को भी कहा था. लेकिन इसकी लीपापोती हो गई इससे लगता है कि वन विभाग भी कोई खास गंभीर नहीं है.


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