भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में कानून व्यवस्था (Law and Order) को लेकर लगातार सवाल उठते जा रहे हैं. क्योंकि इस समय कानून व्यवस्था को लेकर लगातार कई बड़े सवाल खड़े होते हुए दिखाई दे रहे हैं. हरियाणा (Haryana) और पंजाब (Punjab) की तर्ज पर मध्य प्रदेश में भी ड्रग्स का बड़ा कारोबार चल रहा है. इसका खुलासा भोपाल (Bhopal) के शाहजहानाबाद की क्राइम ब्रांच पुलिस (Crime Branch of Police) ने किया है.
क्या है पूरा मामला
मध्य प्रदेश और इससे सटे राज्य महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के बड़े शहरों में नेपाल से सस्ता ड्रग्स लाकर भोपाल सहित अन्य जिलों में मुंह मांगे दाम पर सप्लाई की जा रही है. बबलू उर्फ शाहिद अली को नेपाल के ड्रग्स सप्लाई करने वाले जुलेखा को करीब 10 किलो चरस सप्लाई करने के मामले में क्राइम ब्रांच पुलिस ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. इन दोनों के पास से बरामद ड्रग्स की कीमत करीब 5 करोड़ रुपये है.
ड्रग तस्करी में कौन कौन शामिल है
डीसीपी क्राइम ब्रांच अमित कुमार ने बताया कि भोपाल के दलाल बबलू और नेपाल के ड्रग्स सप्लायर वीर बहादुर ने पूछताछ में बताया है कि दिल्ली-मुंबई में फिल्म इंटरेस्ट से जुड़े लोग उनके नेटवर्क में शामिल थे. उनसे नियमित रूप से मांग आने पर चरस की सप्लाई की जाती थी. नेपाल से सस्ता माल लाकर मुंबई और दिल्ली के हाई प्रोफाइल एरिया में इसे बेचा जाता था. दोनों ने बताया है कि भोपाल और इंदौर में भी चरस का सेवन करने वाले युवकों की बड़ी संख्या है. ये छोटे-छोटे स्तर पर खरीदते हैं और सप्लाई करते हैं.
एडिशनल डीसीपी शैलेंद्र सिंह चौहान की टीम ने 26 जून को मुंबई के रहने वाले शाहिद और उनकी भाभी जुलेखा को शाहजहानाबाद के पास से माल की सप्लाई ले जाते रंगे हाथ पकड़ा था. पिछले दो हफ्तों से क्राइम ब्रांच की टीम इस मामले में गश्त कर रही थी. उसे 20 दिन से फरार भोपाल के दलाल शाहिद और नेपाल निवासी ड्रग्स सप्लायर वीर बहादुर गिरी की तलाश थी. मुंबई निवासी देवर भाभी की निशानदेही पर पुलिस ने गिरोह के बाकी दोनों आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है.
बबलू कैसे करता था ड्रग्स की सप्लाई
बबलू उफ शाहिद अली की उम्र 40 साल है. वह मध्य प्रदेश के बैतूल का निवासी है. वह भोपाल के मॉडल ग्राउंड शाहजहानाबाद में रहता था. नेपाली तस्कर से इसके पास चरस की खेप पहुंची थी. इसके बाद वह आगे की सप्लाई करता था. वह दिखाने के लिए कानपुर से लेदर की बेल्ट लाकर भोपाल शहर की सड़कों पर बेचता था. देखने में वह बेहद गरीब लगता था. लेकिन जब पुलिस ने उसे पकड़ा तो वह गिरोह का मास्टरमाइंड निकला. शाहिद का दोस्त वीर बहादुर गिरी बिहार का रहने वाला है. वह चौथी तक पढ़ा है और बढ़ई का काम करता है. वह नेपाल के बड़े ड्रग सप्लायरों के संपर्क में था. डिमांड के आधार पर माल की सप्लाई करता था.
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