Madhya Pradesh News: सोशल मीडिया पर रेलवे में भर्ती का फर्जी विज्ञापन देकर डॉलर में रुपये कमाने वाले एक शातिर गैंग का भंडाफोड़ हुआ है. रेल सुरक्षा बल (RPF) ने बिहार के गया जिले में उनके ठिकाने पर दबिश देकर पूरे मामले का खुलासा किया. पकड़े गए दो आरोपियों को आगे की कार्रवाई के लिए स्थानीय गया पुलिस को सौंप दिया गया है. आरपीएफ जबलपुर की आईटी सेल ने एक-एक कड़ी जोड़कर इस गैंग तक पहुंचने में कामयाबी हासिल की.


पश्चिम मध्य रेल (WCR) जबलपुर के सीपीआरओ राहुल श्रीवास्तव ने बताया कि पिछले दिनों आरपीएफ में आरक्षक के 19,800 पदों पर भर्ती संबंधी फेक विज्ञापन न्यूज अलग-अलग सोशल मीडिया साइटस में पब्लिश की गई थी. इसके बाद बेरोजगार युवाओं को भ्रमित करके वसूली करने की जानकारी रेल प्रशासन को मिल रही थी. इसका तुरंत संज्ञान लेते हुए रेल प्रशासन ने इस तरह की कोई वेकेंसी नहीं निकलने का खंडन भी जारी किया था. साथ ही फर्जी विज्ञापन की जांच पड़ताल व्यापक स्तर पर शुरू की गई.


दो आरोपी गिरफ्तार
वरिष्ठ मण्डल सुरक्षा आयुक्त, रेल सुरक्षा बल, जबलपुर अरूण त्रिपाठी के अनुसार गहन पड़ताल के बाद रेल सुरक्षा बल (आईटी सेल) जबलपुर को बड़ी कामयाबी हासिल हुई. इस मामले में गया से 2 ओरोपियों को गिरफ्तार किया गया. इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 406, 419 ,420, 120बी और 67बी आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया. आईटी सेल जबलपुर प्रभारी दीपेश मिश्रा और अभिषेक कुशवाहा द्वारा इस फेक न्यूज की जांच प्रारंभ की गई. सोशल मीडिया में चले रहे विज्ञापन से प्राप्त लिंक से एक वॉट्सअप ग्रुप (Govt. Job Center) और टेलीग्राम ग्रुप (Education ki Duniya) के संचालक या एडमिन का पता लगाया गया.


19,800 भर्ती का फर्जी विज्ञापन दिया था
इन दोनों सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आरपीएफ कांसटेबल की कुल 19,800 भर्ती का फर्जी विज्ञापन प्रकाशित कर दो संदिग्ध मोबाइल नंबरों से अपराधियों द्वारा छात्रों में भ्रम फैलाकर गुमराह किया जा रहा था. इस दौरान आरपीएफ को जानकारी मिली कि आरोपियों द्वारा फर्जी विज्ञापन लिंक, वाट्सअप ग्रुप और टेलीग्राम ग्रुप को इस तरह डिजाइन किया गया था कि जब भी कोई बेरोजगार छात्र इनको खोल कर देखता था, तो इनकी व्यूअर शिप बढ़ती थी. इसके बदले में उनको वेबसाइटों से डॉलर में आर्थिक लाभ मिलता था. सूचना की सत्यता की जांच हेतु आईटी सेल जबलपुर द्वारा समस्त डिटेल आरपीएफ पोस्ट गया भेजी गई.  


बिहार के गया में पकड़े गए आरोपी
वहीं जिला पुलिस की साइबर सेल से संदिग्ध मोबाइल नंबरों के टावर की लोकेशन प्राप्त की गई. टावर लोकेशन को आधार बनाकर आरपीएफ गया और सीआईबी गया की संयुक्त टीम द्वारा ग्राम तिलोरा, थाना वजीरगंज, जिला गया पहुंच कर दिए गए पतों पर छापेमारी की गई. छापेमारी के दौरान घर के एक कमरे में दो युवक मोबाइल व लैपटॉप पर काम करते मिले. पूछताछ में दोनों ने अपना नाम कुन्दन कुमार (उम्र करीब 21 वर्ष) और सोनू कुमार (उम्र करीब 22 वर्ष) बताया. दोनों ग्राम तिलोरा, पोस्ट तुंगी, थाना वजीरगंज, जिला गया निवासी है. इनके कब्जे से बरामद मोबाइल और लैपटॉप को चेक करने पर व्हाट्सएप, टेलीग्राम और वेबसाइट के माध्यम से (RPF Constable New Bharti 2023) फर्जी विज्ञापन पोस्ट करना पाया गया.


2019 से कर रहे ये काम
टेलीग्राम एप को चेक करने पर उन्हें चैनल (Education ki duniya) का प्रोमोटर और एडमिन पाया गया. पूछताछ के दौरान उन्होंने बताया कि इस वेबसाइट के माध्यम से वे अपनी व्यूअर शिप को बढ़ाकर अमेरिकन डॉलर में पैसे कमाते हैं. इस तरह के फर्जी विज्ञापन से व्यूअर ज्यादा देर तक वेबसाइट पर रुकते हैं, जिससे उन्हें अधिक डॉलर की कमाई होती है. आरोपी यह काम साल 2019 से कर रहे थे. दोनों आरोपियों को भर्ती विज्ञापन प्रकाशित किए जाने का अपराध बनने पर थाना वजीरगंज, गया को अग्रिम कार्रवाई हेतु सौंप किया गया. यहां उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया. मामले में आगे की जांच वजीरगंज थाना, जिला गया (बिहार) द्वारा की जा रही है.



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