उज्जैन (Ujjain) के सिंहस्थ 2016 (Singhast) में मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की शिवराज (Shivraj Singh Chouhan) सरकार ने 55 सौ करोड़ रुपये खर्च किए थे. इसमें से करोड़ों रुपये पुलिस (Police) महकमे को भीड़ प्रबंधन के लिए दिए गए थे. भीड़ प्रबंधन के लिए खरीदे गए उपकरणों पर अनदेखी के चलते पानी फिर रहा है. भीड़ के नियंत्रण में काम आने वाले बैरिकेड्स बड़ी संख्या में खराब हो रहे हैं. वहीं एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि इस सामान का उपयोग किया जाएगा और जो सामान खराब हुआ है, उसे ठीक करवाया जाएगा.


कब और किस लिए खरीदे गए थे ये सामान


उज्जैन में सिंहस्थ महापर्व को लेकर तत्कालीन शिवराज सरकार ने पैसा पानी की तरह बहाया था. लेकिन अब सिंहस्थ में खरीदे गए सामान पर पानी फिर रहा है. पुलिस महकमे को उस समय 14 करोड़ से ज्यादा की राशि भीड़ प्रबंधन के लिए उपलब्ध कराई गई थी. इसे पुलिस ने उपकरणों की खरीद पर खर्च किए थे. इनमें बैरिकेड, वॉच टावर, रोलिंग बैरिकेट सहित अन्य सामान बनवाए गए थे. सिंहस्थ महापर्व के लिए इतनी बड़ी संख्या में सामान तैयार करवाए गए थे कि उज्जैन और आसपास के जिलों के कारीगर उनकी पूर्ति नहीं कर पा रहे थे. इस वजह से कुछ सामान गुजरात से बनवाकर मंगवाया गया था.देखरेख के आभाव में यह सामान कचरे के ढेर में बदल रहा है.उज्जैन यातायात थाने के बाहर डेढ़ सौ मीटर तक खराब हो रहे बैरिकेड का नजारा देखा जा सकता है. इसी तरह कुछ सामान पुलिस लाइन में भी खराब हो रहा है.


बैरिकेड और अन्य उपकरणों का उपयोग उज्जैन में आने वाले वीआईपी की सभाओं के साथ-साथ भगवान महाकाल की सवारी और अन्य धार्मिक आयोजनों में भी किया जाता है, किंतु पुलिस महकमे के पास इन्हें रखने के लिए उचित स्थान तक नहीं है. 


पुलिस का क्या कहना है


इस मामले में आईपीएस अधिकारी सत्येंद्र कुमार शुक्ला ने बताया कि सिंहस्थ में खरीदे गए सामान का उपयोग धार्मिक आयोजनों और महाकाल की सवारी में विशेष रूप से किया जाता है. कुछ सामान जरूर क्षतिग्रस्त हुआ है, उसे ठीक करवाया जाएगा. सरकार द्वारा खर्च की गई राशि का सदुपयोग हो, इसे लेकर लगातार मॉनिटरिंग भी की जाती है. एक बार फिर इसकी मॉनिटरिंग करवाई जाएगी .