Betul News: बैतूल में बुलडोजर पर बैठकर बारात निकालना दूल्हे को पड़ा भारी, चालक पर मामला दर्ज, इतने हजार का लगा जुर्माना
MP News: दूल्हे अंकुश ने बताया कि वो पेशे से सिविल इंजीनियर है और बुलडोजर सहित मशीनों के साथ दिनभर काम करता रहता है. इसलिए उसने अपनी शादी को यादगार बनाने के लिए बुलडोजर पर बारात निकालने की सोची थी.
MP News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बैतूल (Betul) जिले में एक सिविल इंजीनियर को अपनी शादी को यादगार बनाने के लिए बुलडोजर (Bulldozer) में बैठकर बारात निकालना महंगा पड़ गया. पुलिस (Police) ने दूल्हे के साथ बुलडोजर के चालक के खिलाफ मामला दर्ज किया है. शुक्रवार को एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस मामले में 5 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. पुलिस का कहना है कि बुलडोजर के चालक ने पंजीकरण नियमों के उल्लंघन किया है. पुलिस का कहना है कि जेसीबी मशीनें वाणिज्यिक उपयोग के लिए होती हैं और उनका सार्वजनिक परिवहन में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.
दूल्हे ने बग्गी-कार छोड़ कर बुलडोजर को चुना
इन दिनों उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में अवैध मकानों और प्रतिष्ठानों पर बुलडोजर चलाने की कार्रवाई सुर्खियां बन रही है. इस बीच बैतूल जिले के झल्लार गांव निवासी अंकुश जायसवाल ने मंगलवार को अपनी शादी को यादगार बनाने के लिए बुलडोजर में बैठकर बारात निकाली थी, दूल्हे के साथ उसके परिवार की दो महिलाएं भी बुलडोजर में सवार थीं.
मोटर वाहन अधिनियम के उल्लंघन में FIR दर्ज
इस शादी की लोगों ने बड़ी संख्या में व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर बारात से जुड़ी तस्वीरें और वीडियो शेयर किए. झल्लार पुलिस थाना प्रभारी दीपक पाराशर ने बताया, "इस मामले को पुलिस ने संज्ञान में लिया है. बैतूल की पुलिस अधीक्षक सिमाला प्रसाद के निर्देश पर जेसीबी (बुलडोजर) चालक रवि बारस्कर पर पंजीकरण नियमों के उल्लंघन का मामला दर्ज कर मोटर वाहन अधिनियम की धारा 39/192(1) के तहत 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है."
पुलिस अधिकारी ने बताया, "जेसीबी मशीनें वाणिज्यिक उपयोग के लिए होती हैं और उन्हें सार्वजनिक परिवहन के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. जेसीबी के चालक ने नियमों का उल्लंघन किया है. इसी को लेकर जब मामला संज्ञान में आया तो चालक के खिलाफ कार्रवाई की गई है."
दूल्हे ने कहा, बुलडोजर के साथ दिनभर काम करता हूं
वहीं दूल्हे अंकुश जायसवाल ने कहा था, "मैं पेशे से सिविल इंजीनियर हूं और बुलडोजर सहित निर्माण कार्यों से जुड़ी अन्य मशीनों के साथ दिनभर काम करता रहता हूं. इसलिए मेरे मन में विचार आया कि मैं अपने पेशे से जुड़े बुलडोजर पर ही बारात निकालूं." अंकुश ने बताया कि झल्लार गांव से बारात निकलने के बाद उन्होंने केरपानी गांव स्थित प्रसिद्ध हनुमान मंदिर में रात्रि विश्राम किया था. बुधवार को उनका विवाह केसर बाग में धूमधाम से संपन्न हुआ था.