Ujjain News: बिहार से बनी फर्जी मार्कशीट से नौकरी हासिल कर करता रहा पोस्टमैन की नौकरी, फिर एक दिन ऐसे हुआ खुलासा
Crime News: डाकघर में एक डाकपाल 10 महीने तक फर्जी मार्कशीट के जरिए नौकरी करता रहा किसी को भनक तक नहीं लग पाई. इसके बाद जब मामला खुला तो पुलिस ने डाकपाल को गिरफ्तार कर लिया.
Ujjain News: अच्छे अंक देखकर नौकरी देने वाले सरकारी विभागों को भी फर्जीवाड़े के जरिए चूना लगाया जा रहा है. ऐसा ही एक मामला उज्जैन में डाकघर में सामने आ रहा है. डाकपाल के पद पर 10 महीने तक नौकरी कर मोटी कमाई हासिल करने वाले युवक को पुलिस ने फर्जी मार्कशीट के मामले में गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी के सहयोगी की तलाश की जा रही है. बताया जाता है कि मार्कशीट बिहार में बनाई गई थी. कोरोना काल में डाक विभाग ने अच्छे अंक हासिल करने वाले बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए इश्तिहार निकला था.
घटना के बारे में नरवर थाना प्रभारी मनोज इजारदार ने बताया कि इस विज्ञापन को देखकर नरवर थाना क्षेत्र के मुकेश यादव नामक युवक ने आवेदन कर दिया. उसने नौकरी हासिल करने के लिए एक फर्जी मार्कशीट का भी उपयोग किया. हाई स्कूल की फर्जी मार्कशीट का उपयोग करते हुए मुकेश यादव ने नौकरी हासिल कर ली. वह 10 महीने तक नौकरी करता रहा. इसके बाद जब डाक विभाग ने उसकी अंक सूची का सत्यापन कराया तो यह अंकसूची फर्जी निकली. इसके बाद डाक विभाग के अधिकारियों नरवर पुलिस से मदद मांगी. पुलिस ने मुकेश यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया.
इस बारे में आरोपी मुकेश ने बताया कि उसने राधेश्याम नमक युवक से मार्कशीट बनवाई थी. पुलिस ने राधेश्याम को भी पकड़ लिया. आरोपी राधेश्याम बिहार का रहने वाला है. बताया जाता है कि आरोपियों ने बिहार के गैंग से फर्जी मार्कशीट बनवाई थी और फिर नौकरी हासिल कर ली.
डाक विभाग के अधिकारी भी थे खुश
नरवर पुलिस ने बताया कि मुकेश यादव डाक विभाग के कचनारिया स्थित डाकघर में 10 महीने तक नौकरी करता रहा. अधिकारियों ने बताया कि उसका कामकाज काफी अच्छा था. उसके कामकाज से काफी हद तक संतुष्ट भी थे लेकिन जब दस्तावेजों का सत्यापन कराया गया तो फर्जीवाड़ा उजागर हो गया. इसके बाद उन्होंने मुकेश के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया. पुलिस ने मुकेश और राधेश्याम को बिहार से गिरफ्तार किया है. दोनों पुलिस रिमांड पर है.
40000 में मध्य प्रदेश का टॉपर बनाया
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक मुकेश यादव को हाई स्कूल और हाई सेकेंडरी में साधारण विद्यार्थियों की तरह कम अंक आए थे. मगर उसने ₹40000 देकर फर्जी मार्कशीट बनवा ली. इस अंक सूची में उसे 98.5% अंक कर दिए गए. इस तरह उसे मध्य प्रदेश के टॉपर की सूची में शामिल कर दिया गया. इस मामले में अभी एक आरोपी फरार है. पुलिस उसकी तलाश कर रही है, उसके पकड़े जाने के बाद और भी खुलासे की उम्मीद है.
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