IPS Officer: ये हैं मध्यप्रदेश की 'शेरनियां', जिनके नाम से कांपते हैं अपराधी, पढ़ें महिला अधिकारियों की एंट्री की रोचक कहानी
एमपी में वर्तमान में 130 जेल और उपजेल है. इनमें से 11 जेल सेंट्रल जेल के रूप में स्थापित है. इन बड़ी जेलों में भी महिला अधिकारियों का इतना दबदबा है कि उनके नाम से अपराधियों के पसीने छूट जाते हैं.
MP News: जेल का नाम सुनते ही अच्छे-अच्छों की हवाइयां उड़ जाती हैं, लेकिन मध्य प्रदेश में कई ऐसी महिला अधिकारी हैं, जिनके नाम से ही जेल में बंद दुर्दांत अपराधी थरथर कांपते हैं. जेल विभाग में महिलाओं की उच्च पदों पर एंट्री की भी रोचक कहानी है.
मध्य प्रदेश में वर्तमान में 130 जेल और उपजेल है. इनमें से 11 जेल सेंट्रल जेल के रूप में स्थापित है. इन बड़ी जेलों में भी महिला अधिकारियों का इतना दबदबा है कि उनके नाम से ही बड़े बड़े अपराधियों के पसीने छूट जाते हैं. अगर सेंट्रल जेल की बात की जाए तो उज्जैन में उषा राजे की अधीक्षक के पद पर पदस्थी है, जबकि जेल अधीक्षक के रूप में इंदौर सेंट्रल जेल में अलका सोनकर अपने दायित्वों का निर्वहन कर रही हैं. इसी तरह नरसिंहपुर सेंट्रल जेल में शैफाली तिवारी अधीक्षक के पद पर सफलतापूर्वक कार्य कर रही हैं.
कई महिला अधिकारी हैं पोस्टेड
इन महिला अधिकारियों की लिस्ट इतनी लंबी है कि इसे लिखते और पढ़ते हुए हर कोई थक जाएगा. सतना सेंट्रल जेल में लीना कोस्टा अधीक्षक के पद पर पदस्थ हैं. जिला जेल की बात की जाए तो खंडवा में अदिति चतुर्वेदी और देवास में हिमानी मनवारे पदस्थ हैं. जेल विभाग में पदस्थ इन महिला अधिकारियों के नाम से अच्छे-अच्छे अपराधी सीधे खड़े हो जाते हैं.
सबसे पहले अलका सोनकर ने की थी एंट्री
सेंट्रल जेल इंदौर में जेल अधीक्षक के पद पर पोस्टेड अलका सोनकर ने बताया कि उन्होंने साल 2005 में पीएससी में सेकंड टॉप के रूप में अपनी जगह हासिल की थी, उस समय उन्हें डिप्टी कलेक्टर की पोस्ट पर भी आसानी से सेवाएं देने का मौका मिल सकता था, लेकिन उन्होंने जेल विभाग को चुना. जेल विभाग में जिला अधीक्षक के रूप में उनकी पोस्टिंग हुई. उन्होंने बताया कि जेल विभाग में काम करने का बड़ा दायरा है.
इसके अलावा लोगों को सुधारने का मौका भी मिलता है, इसलिए उन्हें काफी रुचि थी और रुचि के मुताबिक उन्होंने जेल विभाग में सेवाएं देना उचित समझा. उन्होंने कहा कि अपराधी कितना भी बड़ा हो वह वर्दी के आगे बोना रहता है, इसलिए जेल में बड़ा बड़ा अपराधी भी नियमानुसार दिनचर्या बिताते है.
'महिला बंदियों का हो स्किल डेवलपमेंट'
जेल अधीक्षक अलका सोनकर के मुताबिक जेल में महिला कैदियों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है. जेल के अंदर पुरुषों के लिए कई प्रकार के रोजगार और स्किल डेवलपमेंट के स्कोप है जबकि महिलाओं के लिए रोजगार के साधन बढ़ाने की आवश्यकता है. इसे लेकर जेल विभाग और सरकार लगातार काम कर रही हैं. महिला अधिकारी चाहती है कि इस दिशा में व्यापक स्तर पर कार्य होना चाहिए.
ये भी पढ़ें