MP News: नगरीय चुनाव के पहले सड़कों पर उतरे लोग, कहा- मांग नहीं मानी तो करेंगे चुनाव का बहिष्कार
इंदौर में नगरीय निकाय चुनाव के पहले आम जनता ने अपनी मांग नेताओं के सामने रख दी है. उन्होंने कहा कि मांग पूरा नहीं होने चुनाव बहिष्कार किया जाएगा.
Indore News: इंदौर शहर में नगरीय निकाय चुनाव होने से पहले ही आम जनता ने अपनी मांग रखना शुरू कर दी है. जनता ने यहां अपने घरों के बाहर स्लोगन लिख दिए गए है कि घर नहीं तो नहीं, हम नहीं तो वोट नहीं अगर हमारी मांग नही सुनी गई तो चुनाव का किया जाएगा बहिष्कार.
चुनाव के पहले जनता ने की मांग
दरअसल मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई. तो वहीं राजनीतिक पार्टियों के नेताओ द्वारा चुनावी वादों को लेकर जनता के बीच पहुंचकर अपने लिए वोट की मांग करना भी शुरू कर दिया है. तो वहीं दूसरी ओर मतदाताओं द्वारा अपनी मांगे नेताओ के सामने रखना शुरू कर दिया गया. जिन मुद्दों पर जनप्रतिनिधि चुनावी वादे करते हैं चुनाव खत्म होते ही वादे भूल जाते हैं. उन्हीं मुद्दों को लेकर इंदौर के रहवासियों ने आवाज बुलंद कर दी है. नेता जी अच्छे से पढ़ लीजिए ये मतदाताओं की अधिसूचना है. जिसे पूरी न करने पर वोट नही दिया जाएगा चाहे व किसी भी पार्टी से हो.
जनता ने चुनाव बहिष्कार करने बात कही
दरअसल इंदौर के मूसाखेड़ी विधानसभा क्षेत्र 05 के वार्ड नम्बर 51 के शिवनगर और शिवदर्शन नगर के रहवासियों द्वारा अपने मकानों पर चुनाव का बहिष्कार करने की बातें लिख दी गई है. बताया जा रहा है कि यहा से आर ई टू रोड़ बनाया जा रहा है जिसमे यह रहवासियों के मकान बाधक बनते हैं. जिन्हें निगम और जिला प्रशासन द्वारा हटाए जाने को लेकर कहा गया है.
जिसमें करीब 200 से 300 मकान हटाए जाने है. जिनमे करीब 4000 वोटर है. जिनकी मांग है कि हमारे मकानों को नही हटाया जाए अगर मकान हटा दिए जाते है तो हमारा तो नामो निशान यहा से मिट जाएगा. तो फिर हम वोट क्यों दे.
सरकार द्वारा पूंजीपतियों की जमीनों के दाम बड़ाने के लिए हमारे मकान हटाए जा रहे हैं. हमारे माता पिता ने मजदूरी कर अपनी मेहनत से यह मकान बनाए हैं. जिसे अब हटाने की बात कही जा रही है. यहा हम पिछले 20 सालों से भी ज्यादा समय से रह रहे हैं. क्षेत्रीय पार्षद द्वारा कहा जाता है कि हमारा कार्यकाल खत्म हो चुका है.
'नहीं हो रही सुनवाई'
लोगों ने कहा किविधायक जो कि बीजेपी के महेंद्र हार्डिया उनके पास जाते है तो उनके पास हमसे मिलने का समय नही है. हर जगह हम अपनी बाय रख चुके है हमारी कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही. अब हमारे पास बस एक ही चारा है चुनाव का बहिष्कार. वहीं देवकाबाई बागवान का कहना है कि 15 सालों से हम यहां निवासरत है कोई भी हमे मकान हटा जाने को लेकर नोटिस नही दिया गया है. निगम अधिकारी आते है और कहा जाता है कि अपना सामान हटाओ नहीं तो हम यह मकान तोड़ देंगे. हम रहने के लिए कहा जाएंगे.
वहीं रहवासी सीमा गुप्ता का कहना है कि हम बड़ी दूर से यहां पर रहने के लिए आए हैं मजदूरी करते हैं बच्चों को पढ़ा लिखाने के लीये अपने बच्चों का भविष्य बनाने के लिए हम यहां आए थे हम यहां से कहीं नहीं जाएंगे. प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सरकार मामा जी से अनुरोध है कि हमारी बस्ती नहीं उजाड़ी जाए. पहले जो नपती की गई थी उसमें हमारे मकान ना आते हुए कुछ दूर से सड़क निकल रही थी. लेकिन कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए यह सड़क हमारी बस्ती से निकाली जा रही है.
कलेक्टर कार्यालय भी कई बार चले गए लेकिन सुनवाई नहीं हो रही अब हम कहीं नहीं जाएंगे भले ही हमारे मकान तोड़ दिए जाए लेकिन हम कही नही जाएंगे भले ही घर के बाहर ही मर जाए. मध्य प्रदेश सरकार से यही चाहते हैं कि हमारे मकान बन जाए हमारे बच्चों का भविष्य बचाया जाए. अगर हमारी समस्या का निदान नही तो वोट नही.
बहरहाल अब देखना यह होगा कि चुनाव के आते ही नेताओ द्वारा तो मैदान पकड़ लिया जाता है. लेकिन इस बार चुनाव के पहले ही जनता ने अपनी मांग रख दी है. और पूरी न होने पर चुनाव का बहिष्कार करने की बात कही है. अब देखना यह होगा कि नेताओ द्वारा इनकी यह मांग को कब तक पूरी किया जाता है.
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