सिंगरौली: जिले के लोक निर्माण विभाग( PWD) ऑफिस को जबलपुर हाईकोर्ट (High Court Jabalpur Bench) के आदेश पर सील कर दिया गया है. यहां के कार्यपालन यंत्री (Executive engineer) पर आरोप है कि उन्होंने हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी 19 डेली वेजेस कर्मियों के बकाये का भुगतान नहीं किया.कर्मचारियों ने कोर्ट में दावा किया, इसके बाद यह पूरी कार्रवाई हुई है. कर्मचारियों का विभाग पर करीब 1 करोड़ 47 लाख रुपये का बताया है. इस पूरे मामले को लेकर आज उच्च न्यायालय के आदेश अनुसार पीडब्ल्यूडी के कार्यालय को सील कर दिया है. हाई कोर्ट का आदेश होने के बाद भी कार्यपालन यंत्री मजदूरों के बकाए वेतन का भुगतान नहीं कर रहे थे.
क्या है पूरा मामला
श्रम न्यायालय सीधी की ओर से पारित आदेश के तहत हाई कोर्ट की जबलपुर बेंच ने भुगतान के लिए आदेश दिया था. हाई कोर्ट ने आदेश में तत्कालीन कलेक्टर अनुराग चौधरी को भी पार्टी बनाया गया था. हाई कोर्ट का यह आदेश 2018 में पारित हुआ था. उसके बाद से अब तक पीडब्ल्यूडी सिंगरौली के कार्यपालन यंत्री वीएस मरावी की ओर से कोई कार्रवाई न किए जाने के कारण तहसीलदार ने पीडब्ल्यूडी कार्यालय को सील कर दिया. इसके बाद पीडब्ल्यूडी के कार्यपालन यंत्री मीडिया के सामने कुछ भी कहने से बचते रहे,हालांकि मीडिया के दबाव में वह कैमरे के सामने आए.
प्रशासन की ओर से सील किए जाने के बाद पीडब्लूडी के ऑफिस को सरकारी रेस्ट हाउस में शिफ्ट किया गया है. वहां के एक 1 कमरे में अब कर्मचारी सहित 2 कार्यपालन यंत्री काम करेंगे. सबसे दिलचस्प बात है कि एक कार्यपालन यंत्री की कुर्सी पर दो लोग विराजमान हैं.
कौन है कार्यपालन यंत्री
कार्यपालन यंत्री वीएस मरावी का 3 साल का कार्यकाल भी पूरा हो चुका है. मध्य प्रदेश शासन के लोक निर्माण विभाग ने अभी दो महीने पहले ही उनका प्रशासनिक दृष्टि से स्थानांतरण कर दिया था. इस पर उन्होंने हाई कोर्ट जाकर तबादले पर स्थगन आदेश ले लिया था.इस मामले में देवसर के विधायक को भी कार्यपालन यंत्री ने पार्टी बनाया है.हाई कोर्ट के आदेश पर पीडब्ल्यूडी ऑफिस सील किए जाने से यहां के तमाम शासकीय कार्यालयों में हड़कंप मच गया है.
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