Bharat Jodo Yatra: राहुल गांधी की दरियादिली, यात्रा में घायल हुए नेता का 100 किलोमीटर दूर बुलाकर जाना हालचाल
MP News: जब भारत जोड़ो यात्रा उज्जैन से निकलकर घटिया विधानसभा क्षेत्र में पहुंची थी, उस समय यात्रा में शामिल मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नेता सचिव मकसूद अली दुर्घटना में घायल हो गए थे.
MP NEWS: भारत जोड़ो यात्रा पर निकले राहुल गांधी (Rahul Gandhi) यात्रा के दौरान छोटी-छोटी बातों पर कितनी गंभीरता से ध्यान दे रहे हैं? इस बात की बानगी हमें सुसनेर में देखने को मिली. यात्रा के दौरान उज्जैन जिले के घटिया में घायल हुए कांग्रेस नेता मकसूद अली (Maqsood Ali) को राहुल गांधी ने हालचाल जानने के लिए 100 किलोमीटर दूर सुसनेर बुलवाया. यहां उन्होंने यात्रा के दौरान कांग्रेस नेता से घायल होने के संबंध में पूरी जानकारी ली.
घटिया में घायल हो गए थे मकसूद अली
जब भारत जोड़ो यात्रा उज्जैन से निकलकर घटिया विधानसभा क्षेत्र में पहुंची थी, उस समय राहुल गांधी की यात्रा में शामिल मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नेता सचिव मकसूद अली दुर्घटना में घायल हो गए थे. इस दौरान उनकी आंख के ऊपर चोट आई थी. जब इस बात की जानकारी राहुल गांधी को लगी तो उन्होंने उज्जैन से मकसूद अली को सुसनेर बुलवाया. इसके लिए बकायदा उनके लिए चौपहिया वाहन की व्यवस्था भी की गई. मकसूद अली ने सुसनेर पहुंचकर राहुल गांधी से मुलाकात की यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने दुर्घटना के बारे में पूरी जानकारी ली.
राहुल गांधी ने पूछा मकसूल का हालचाल
इसके बाद उनसे उनका कुशल क्षेम पूछा. मकसूद अली ने बताया कि राहुल गांधी ने उनसे यह भी कहा कि यदि उन्हें किसी प्रकार की मेडिकल इमरजेंसी की जरूरत हो तो बड़े हॉस्पिटल में उपचार करवाने की भी व्यवस्था है. उन्होंने घटना के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि यात्रा के समय थोड़ा ध्यान रखना चाहिए. जब मकसूद अली ने सब कुछ ठीक होने की जानकारी दी तो राहुल गांधी ने "वेरी गुड" बोलते हुए उनकी पीठ थपथपा दी.
दिल्ली में राहुल से मिलना इतना आसान नहीं था
भारत जोड़ो यात्रा के मध्यम से सड़क पर उतरे राहुल गांधी से छोटे से छोटे कार्यकर्ता और बड़े से बड़े नेता सड़क पर ही मिल रहे हैं. कांग्रेस के कुछ नेता नाम उजागर नहीं करने की बात पर यह भी स्वीकारते हैं कि दिल्ली में राहुल गांधी से मिलना इतना आसान नहीं था. कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि यदि राहुल गांधी से मिलने का समय पूछा जाता था तो 6 महीने तक समय नहीं होने की जानकारी आती थी. हालांकि कुछ मध्यस्थ लोग भी इस मामले में विघ्न पैदा कर देते थे, लेकिन राहुल गांधी के सड़क पर उतरने के बाद अब कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ा है.
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