Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश (MP) के जबलपुर (Jabalpur) में 500 करोड़ से अधिक कीमत की जमीन (Land) को लेकर रेलवे (Railways) और जिला प्रशासन (District Administration) आमने-सामने आ गए हैं. प्रशासन द्वारा कुछ दिन पहले एक बिल्डर (Builder) के कब्जे से मुक्त कराई गई इस भूमि पर खंभे लगाकर रेलवे ने अपना दावा ठोक दिया है. जबलपुर कलेक्टर (Jabalpur Collector) का साफ कहना है कि यह भूमि मध्य प्रदेश शासन (MP Government) की है. अगर किसी को शंका है तो बैठकर उसका समाधान कर दिया जाएगा.


जबलपुर में बर्न स्टैंडर्ड कंपनी की सिविल लाइन थाने के सामने स्थित 500 करोड़ से भी ज्यादा की बेशकीमती जमीन पर अपना दावा जताते हुए रेलवे ने अधिकार जमा लिया है. वहीं, राज्य शासन इस 8.86 एकड़ जमीन को अपना बता रहा है. जिला प्रशासन ने इस जमीन से पिछले महीने ही अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की थी. इससे पहले इस जमीन पर एक बिल्डर और बारातघर मालिक ने कब्जा कर रखा था.


रेलवे ने मध्य प्रदेश सरकार से यह कहा


सोमवार को रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग ने पिलर लगाकर इस जमीन को अपने प्रशासनिक नियंत्रण में ले लिया है. इसके साथ ही पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर मंडल ने इस भूमि को रेलवे को हस्तांतरित करने के लिए राज्य सरकार और कलेक्टर को पत्र लिखा है. रेल मंडल के इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों ने मौके का निरीक्षण कर इस भूमि पर काबिज अतिक्रमणकारियों को शीघ्र जमीन खाली करने के भी निर्देश दिए हैं. 


रेलवे के डीसीएम ने यह कहा


रेलवे के डीसीएम देवेश सोनी के मुताबिक, रेलवे बोर्ड की गाइड लाइन के अनुसार पूरे देश में बर्न स्टैंडर्ड कंपनी की खाली होने वाली भूमि रेलवे को हस्तांतरित होती है, जिसके तहत पूर्व में बर्न कंपनी की जमीन पर ही रेलवे कालोनी रेल सौरभ का निर्माण किया गया. इसके अलावा हाल में कटनी के पास निवार और पांडी में इसी तरह रेलवे को करीब 60 एकड़ भूमि बर्न कंपनी से प्राप्त हुई है.


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इतने एकड़ है जमीन


रेल अधिकारियों ने बताया कि इस जमीन को लेकर पूर्व में एक बिल्डर द्वारा भी दावा किया गया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उसके दावे को निरस्त कर दिया. इसके बाद अब रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों जेपी सिंह, पीके श्रीवास्तव, एमके प्यासी, संजीव खरे और एसके श्रीवास्तव ने उक्त स्थल का निरीक्षण किया. यहां सिविल लाइन थाने के सामने, विश्वविद्यालय रोड पर बर्न स्टैंडर्ड कंपनी का बंगला और उससे लगी करीब 8.86 एकड़ भूमि पर रेलवे का अधिकार तय करने और इसे सुरक्षित करने के लिए खंभे लगाकर रेलवे सीमा का सीमांकन कराने के भी निर्देश दिए गए हैं.


जबलपुर के कलेक्टर ने यह कहा


इस मामले को लेकर जबलपुर कलेक्टर डॉक्टर इलैयाराजा टी ने कहा कि बर्न कंपनी की जमीन को लेकर कोई विवाद नहीं है. यह भूमि मध्य प्रदेश शासन की है और खसरे में भी मप्र शासन दर्ज है. जमीन पूर्व में लीज पर दी गई थी. उसका नवीनीकरण नहीं कराया गया. इस भूमि को लेकर अगर किसी को कोई शंका है तो इस संबंध में चर्चा की जाएगी और उसका निराकरण किया जाएगा.


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