Sehore News: मध्य प्रदेश सहित पूरे देश में रेलवे स्टेशनों के नाम नए रूप में नजर आएंगे. नई नीति के मुताबिक स्टेशनों के नाम के साथ अब निजी कंपनियों के नाम से जुड़ेंगे. सह कंपनियों की नई नीति में स्टेशनों के नाम के साथ आगे या पीछे निजी क्षेत्र का नाम लगाने की मंजूरी भारतीय रेलवे देने जा रहा है. इसके लिए रेलवे ने निजी कंपनियों से 1 से 3 साल के लिए प्रस्ताव मंगवाए हैं.


निजी कंपनियों के नाम स्टेशनों से जुड़ेंगे
हालांकि बदलने में रेलवे इसका किराया लेगा. रेलवे बोर्ड के यातायात बाधित निर्देशक श्रीवास्तव ने इस संबंध में आदेश जारी किया है. इसके अनुसार देश की बड़ी निजी कंपनियों को अपने ब्रांड को रेलवे के साथ प्रसारित करने की मंजूरी दी गई है. जहां स्टेशन के नाम के बोड लगे होते हैं .वहां स्टेशन के नाम के सामने जिस कंपनियों के नाम लिखे होंगे .रतलाम मंडल पीआरओ खेमराज मीणा ने बताया यह निर्णय वरिष्ठ कार्यालय से लिया गया है.


सह ब्रांडिंग की अवधारणा विचार लाइसेंसधारी ब्रांड स्वामी को ब्रांड का नाम की अनुमति देना है. रेलवे स्टेशन के नाम का लोगो और ऐसे ब्रांड का नाम दो से अधिक नहीं होना चाहिए.विभिन्न स्टेशन परिसर में जहां भी रेलवे स्टेशन का नाम प्रदर्शित होता है वहां कंपनियों को ब्रांडिग करने की अनुमति होगी. इस कवायद से रेलवे को बड़ा राजस्व मिलेगा.


रेलवे के आला अधिकारियों के अनुसार इस नई नीति का उद्देश्य ब्रांडिग की अनुमति देकर राजस्व में बढ़ोतरी करना है. रेलवे इसमें उन्हीं कंपनियों को भागीदारी करने का मौका देगा जो प्रतिष्ठित कारोबारी या व्यापारियों से जुड़ी है. इसमें शराब और सिगरेट कंपनियों को शामिल नहीं किया जाएगा.


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