मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश के कॉलेजों में रामचरित मानस पढाई जाएगी.उन्होंने कहा कि इसे पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा.वो होलकर साइंस कॉलेज में आयोजित एक कार्यक्रम में यह बात कही.उन्होंने कॉलेज परिसर में करोड़ों रुपये के विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया. 


गुजरात के स्कूलों में पढ़ाई जाएगी गीता


मध्य प्रदेश की सरकार ने इस तरह का फैसला पिछले साल सितंबर में लिया था. उस समय उच्च शिक्षा विभाग ने बीए फर्स्ट ईयर के कोर्स के लिए 'रामचरितमानस का व्यावहारिक दर्शन'नाम से सिलेबस तैयार किया था. विभाग का कहना था कि प्रदेश के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के कला संकाय में दर्शनशास्त्र के तहत वैकल्पिक विषय के रूप में महाकाव्य 'रामचरितमानस' की पढ़ाई होगी. 


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डॉ.मोहन यादव ने इंदौर के होलकर साइंस कॉलेज में 5.23 करोड़ रुपये की लागत से विजय भाटकर भवन (कंप्यूटर भवन), 2.86 करोड़ रुपये से स्वामी विवेकानंद प्रयोगशाला और 3.53 करोड़ रुपये से बने सिद्धि विनायक भवन (शैक्षणिक) का शुभारंभ किया. इसके साथ ही उन्होंने विश्व बैंक के सहयोग से बनने वाले सीवी रमण प्रयोगशाला और देवी अहिल्या गर्ल्स हास्टल का भूमिपूजन भी किया गया. 


बीजेपी शासित राज्यों के स्कूलों में गीता और रामचरित मानस पढ़ाने का जोर बढ़ता जा रहा है. अभी हाल ही में गुजरात सरकार ने अपने स्कूलों में श्रीमद्भागवत गीता पढ़ाने का फैसला किया है. गुजरात सरकार ने नई शिक्षा नीति के तहत इसकी घोषणा की है. सरकार के मुताबिक शैक्षणिक सत्र 2022-23 से स्कूली शिक्षा में भारतीय संस्कृति और ज्ञान प्रणाली को शामिल किया जाएगा.पहले चरण में भगवद गीता को कक्षा 6 से 12वीं तक की पढाया जाएगा. इसमें छात्रों को गीता के सिद्धांत और मूल्यों को समझाया जाएगा.इसके बाद से बीजेपी शासित एक और राज्य कर्नाटक में भी इस तरह की मांग जोर पकड़ रही है.


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