Veerangana Rani Durgavati Balidan Diwas: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के स्कूली छात्रों को जल्द वीरांगना रानी दुर्गावती (Rani Durgavati) की वीर गाथाओं को पढ़ने का मौका मिलेगा. रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस के मौके पर जबलपुर (Jabalpur) पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने यह घोषणा की है. सीएम शिवराज ने कहा कि रानी दुर्गावती समेत तमाम आदिवासी सेनानायकों (Tribal Army Leader) की शौर्य गाथाएं पाठ्यक्रम (Curriculum) में शामिल की जाएंगी.


गोंडवाना साम्राज्य की रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस को आज गौरव दिवस के रूप में मनाया गया है. इस मौके पर जबलपुर में रानी दुर्गावती के समाधि स्थल पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने श्रद्धांजलि अर्पित की. रानी समाधि स्थल पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस मौके पर कई आदिवासी संगठन भी समाधि स्थल पहुंचे और रानी दुर्गावती के बलिदान को याद किया. बलिदान स्थल पर आयोजित एक चित्र प्रदर्शनी का भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अवलोकन किया.


सीएम ने वीरांगना रानी दुर्गावती को लेकर यह कहा


मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि रानी दुर्गावती का बलिदान आज की युवा पीढ़ी को प्रेरणा देने वाला है. रानी दुर्गावती महिला सशक्तिकरण और स्वाभिमान का प्रतीक हैं. रानी दुर्गावती ने कभी गुलामी स्वीकार नहीं की. रानी दुर्गावती ने कभी मुगलों के आगे सर नहीं झुकाया और हंसते-हंसते अपना बलिदान दे दिया.



 


मुख्यमंत्री ने कहा कि रानी दुर्गावती न केवल एक कुशल शासक थी, बल्कि उनके द्वारा निर्मित कराए गए जल स्रोत भी अद्भुत इंजीनियरिंग का उदाहरण हैं. रानी दुर्गावती ने अपने कार्यकाल में जबलपुर में जल संरक्षण का अद्भुत नमूना पेश किया था. पानी के प्रबंधन को लेकर उन्होंने एतिहासिक काम किया और 52 ताल-तलैया जबलपुर में बनाए. सीएम ने कहा कि रानी दुर्गावती के बाद पानी को लेकर अगर किसी ने काम किया तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है. उन्होंने प्रत्येक जिले में 75 अमृत सरोवर निर्माण का आव्हान किया. मध्य प्रदेश में सरोवरों के निर्माण कार्य जारी हैं. 


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इस मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एलान किया कि वीरांगना रानी दुर्गावती की शौर्य गाथाओं को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा ताकि नई पीढ़ी उनके बलिदान को जान सके.


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