Indore Crime News: इंदौर में कमिश्नरी सिस्टम लागू होने के बाद हत्या, हत्या का प्रयास, रेप, अपहरण और चोरी की घटनाएं बढ़ गई हैं. दूसरी ओर लूट, चेन स्नेचिंग, नकबजनी, वाहन चोरी और बलवे के मामलों में कमी आई है. इंदौर में 2022 के अपराध का आंकड़ा पुलिस ने जारी किया है. 1 जनवरी 2021 से 15 नवंबर 2022 तक के आंकड़ों को देखने से अपराध की तस्वीर साफ होती है. साल 2021 के मुकाबले पिछले साल रेप की वारदात में इजाफा हुआ है. गौरतलब है कि अपराध पर लगाम कसने के इरादे से कमिश्नरी सिस्टम लागू किया गया था.
अपराध | साल 2021 | साल 2022 |
हत्या | 44 | 63 |
हत्या का प्रयास | 78 | 81 |
रेप | 272 | 320 |
बलवा | 31 | 17 |
वाहन चोरी | 3056 | 2769 |
चेन स्नेचिंग | 30 | 27 |
लूट | 48 | 29 |
चोरी | 594 | 610 |
हथियारों की तस्करी रोकने के लिए इनफॉरमर्स सक्रिय
एसीपी क्राइम गुरु प्रसाद पाराशर मानते हैं कि अपराध पर लगाम कसने के लिए जरुरी है कि गुंडे, बदमाशों तक अवैध हथियार पहुंच नहीं पाएं. संगीन अपराधों में ज्यादातर अवैध हथियारों का ही इस्तमेाल होता है. कमिश्नरी सिस्टम के बाद क्राइम ब्रांच ने हथियार तस्करों पर अंकुश लगाने के लिए विशेष अभियान चलाया. 2021 के मुकाबले 2022 में पुलिस को काफी सफलता भी मिली है. शहर में हथियारों की तस्करी रोकने के लिए इनफॉरमर्स सक्रिय किए गए. ज्यादातर अवैध हथियार सिकलीगरों के बनाए होते हैं. इसलिए जड़ पर प्रहार करते हुए 2021 में करीब 150 हथियार बरामद किए गए थे. 2022 में 200 से ज्यादा अवैध हथियार बरामद करने में पुलिस को सफलता मिली. सिकलीगरों पर शिकंजा कसने के कारण अब शहर में हथियारों की तस्करी कुछ कम हुई है.
सायबर फ्रॉड होने के बाद पैसा वापस करवाया जा रहा
एडिशनल कमिश्नर, क्राइम, राजेश हिंगणकर का दावा है कि क्राइम ब्रांच की सायबर सेल से पीड़ितों को बहुत राहत मिली है. कई मामलों में सायबर फ्रॉड होने के बाद पीड़ितों को पैसा वापस करवाया जा रहा है. लाखों रुपए पीड़ितों को वापस दिलवाए जा चुके हैं. महिलाओं की मदद के लिए वी केयर फॉर यू की टीम को भी अच्छी सफलता मिल रही है. महिलाओं को मोबाइल पर अश्लील मैसेज भेजने या अश्लील कॉल्स की शिकायत के बाद तत्काल कार्रवाई होती है.
इंदौर पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र का मानना है कि 2022 में सीमित संसाधनों के बावजूद पुलिस टीम ने गुड वर्क किया है. शहर के ड्रग्स माफियाओं पर शिकंजा कसने में काफी हद तक कामयाबी मिली है. ऑपरेशन प्रहार के तहत सैकड़ों ड्रग तस्करों को जेल की हवा खिलाई गई है. विशेष अभियान के तहत क्राइम ब्रांच और पुलिस टीम की संयुक्त कार्रवाई से ड्रग्स तस्कर इंदौर से पलायन भी करने को मजबूर हुए हैं. गंभीर अपराध के मामले में तत्काल कर कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया.
इंदौर कमिश्नर ने आगे बताया कि कई अनसुलझी गुत्थी भी हाईटेक तरीके से सुलझा ली गई. महिला एवं बाल अपराध पर लगाम लगाने के लिए जनजागृति अभियान चलाया जा रहा है. स्कूल, कॉलेज में कार्यशाला आयोजित की जा रही है. कार्यशाला के अच्छे परिणाम भी सामने आने लगे हैं. अपराध के प्रति बच्चियां, महिलाएं तत्काल पुलिस की सहायता लेती हैं और पुलिस की ओर से भी अच्छा रिस्पांस मिलता है. इंदौर में कमिश्नरी सिस्टम लागू हुए करीब एक साल हो चुके हैं. कुल मिलाकर देखने पर पता चलता है कि पुलिस का अपराधों पर लगाम कसने में सराहनीय भूमिका है.
उन्होंने दावा किया कि कमिश्नरी सिस्टम लागू होने के बाद अपराध के आंकड़ों में कमी भी आई है.