(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
MP News: महाकालेश्वर मंदिर में लगा वीआईपी का तांता, RBI गवर्नर और सीडीएस पहुंचे महाकाल के दरबार में, उज्जैन में सेना की चौकसी
Mahakal Bhasm Aarti: उज्जैन कलेक्टर और महाकालेश्वर मंदिर समिति का अध्यक्ष कुमार पुरुषोत्तम के निर्देश पर गवर्नर और सीडीएस को महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में पूजा अर्चना करने की अनुमति दी गई थी.
MAHAKAL TEMPLE: उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में शनिवार को वीआईपी का तांता लगा रहा. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास सहित सेना के अफसर भी भगवान महाकाल का आशीर्वाद लेने के लिए पहुंचे. इस दौरान उज्जैन के प्रमुख इलाकों में सेना के जवानों ने चौकसी की. उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में लेफ्टिनेंट जनरल राणा प्रताप कलिता ने भस्म आरती में सम्मिलित होकर पूजा अर्चना की. उनके महाकालेश्वर मंदिर से जाने के बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास मंदिर पहुंचे. उन्होंने गर्भगृह में विधि विधान के साथ पूजा अर्चना की. महाकालेश्वर मंदिर के प्रशासक संदीप सोनी ने बताया कि गवर्नर ने परिवार सहित भगवान महाकाल का आशीर्वाद लिया. इसके बाद सीडीएस अनिल चौहान ने भी महाकालेश्वर मंदिर पहुंचकर पूजा अर्चना की.
प्रशासन ने बताया कि महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में 11 सितंबर तक प्रवेश बंद है मगर उज्जैन कलेक्टर और महाकालेश्वर मंदिर समिति का अध्यक्ष कुमार पुरुषोत्तम के निर्देश पर गवर्नर और सीडीएस को महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में पूजा अर्चना करने की अनुमति दी गई थी.
महाकालेश्वर मंदिर और सर्किट हाउस पर सेना के जवान
सेवा से जुड़े अफसर राणा प्रताप कलिता और अनिल चौहान के धार्मिक यात्रा पर उज्जैन पहुंचने की वजह से उज्जैन की सड़कों पर सेना के जवान तैनात दिखाई दिए. उज्जैन सर्किट हाउस से लेकर महाकालेश्वर मंदिर तक सेना के जवानों ने पुलिस के साथ मिलकर वीआईपी के सुरक्षा इंतजाम किए थे. इन जवानों ने वीआईपी के मंदिर पहुंचने से 24 घंटे पहले ही कमान संभाल ली थी.
क्या सब होता है भस्म आरती के दौरान
महाकालेश्वर मंदिर में शनिवार तड़के भस्म आरती के दौरान तीन बजे मंदिर के कपाट खोले गए. जल से भगवान महाकाल का अभिषेक करने के पश्चात दूध, दही, घी, शक्कर, शहद, फलों के रस से बने पंचामृत से पूजन किया गया. भांग, चंदन, सूखे मेवों और आभूषणों से बाबा महाकाल का दिव्य श्रृंगार किया गया. मस्तक पर तिलक और चंदन का त्रिपुंड अर्पित कर भगवान महाकाल को भस्म चढ़ाई गई. शेषनाग का रजत मुकुट, रजत की मुंडमाल और रुद्राक्ष की माला के साथ सुगंधित पुष्प से बनी माला धारण कराई गई. फल और मिष्ठान का भोग लगाया. महा निर्वाणी अखाड़े की और से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गई. मान्यता है कि भस्म अर्पित करने के बाद भगवान निराकार से साकार रूप में दर्शन देते हैं.
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