Wheat Procurement in Sehore: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सीहोर (Sehore) में इस समय मंडी में भारी मात्रा में गेहूं पहुंच रही है. किसानों से गेहूं अच्छे दामों पर खरीदे जा रहे हैं. हालांकि नए गेहूं की शुरुआत में 40 हजार क्विंटल तक सीहोर मंडी में आवक के दौरान भाव भी अच्छे मिल रहे थे. लेकिन अब मंडी में गेहूं के भाव भी गिर गए हैं. फिर भी समर्थन मूल्य से अभी अधिक है. शरबती गेहूं पहले 5,500 रुपये प्रति क्विंटल तक बिका था. अब यह 4,500 रुपए तक आ गया है. वहीं दूसरे वैरायटी के गेहूं के दाम प्रति क्विंटल 2,800 से 3 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गए थे, जो घटकर 2,400 रुपये प्रति क्विंटल तक आ गए हैं.

 

फिलहाल समर्थन मूल्य 2015 से अधिक है. मंडी में गेहूं की आवक ने फिर से रिकॉर्डतोड़ दिया है. मंडी में बुधवार को करीब 30 हजार क्विंटल से अधिक की आवक रिकार्ड की गई है, जबकि कुल आवक करीब 40 हजार क्विंटल के आसपास रिकॉर्ड की गई. इससे नीलामी का काम देर शाम तक जारी रहा. दूसरी तरफ समर्थन मूल्य पर 4 अप्रैल से खरीदी शुरू हुई है. जहां किसानों से उपज स्लॉट बुकिंग के अनुसार खरीदी जा रही है. इसके लिए किसानों से पहले स्लॉट की बुकिंग कराई जा रही है. स्लॉट की बुकिंग के बाद किसानों को उसके अनुसार चुने गए खरीदी केंद्र पर ही उपज तौल कराई जा रही है.

 

स्लॉट बुकिंग में हो रही है समस्या

 

इसके चलते खरीद केंद्रों के शुरू हुए तीन दिन बीत चुके हैं, लेकिन अभी इन केंद्रों पर बंपर आवक रिकार्ड नहीं की गई है. इसका मुख्य कारण किसान समर्थन मूल्य से अधिक भाव मंडी में मिलने की बात कह रहे हैं. वहीं कई किसानों का कहना है कि स्लॉट बुकिंग के दौरान समस्या हो रही है. समर्थन मूल्य पर उपार्जन के लिए सरकार ने इस बार किसानों की सुविधा के लिए पहले स्लॉट बुकिंग की सुविधा शुरू की है, ताकि किसानों को जिस दिन का नंबर मिले, उस तारीख को वह संबंधित खरीदी केंद्र पर जाकर अपनी उपज बेच सकते हैं. लेकिन कई किसान ऐसे हैं जो कि पढ़े-लिखे बहुत कम है. इसके अलावा उनके घर परिवार में भी बहुत कम पढ़े-लिखे लोग हैं. इसकी वजह से उन्हें स्लॉट बुकिंग में काफी समस्या हो रही है.

 

सीहोर में बनाए गए हैं 203 खरीदी केंद्र

 

सीहोर में 203 खरीदी केंद्र बनाए गए हैं, जहां किसान अपनी गेहूं की उपज बेच सकेंगे. लेकिन अभी तीन दिन के बाद भी आधे ही उपार्जन केंद्र शुरू हो सके हैं. इसका मुख्य कारण यह है कि अभी किसानों ने समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचना शुरू नहीं किया है. अभी किसान जायद फसल मूंग की बोनी करने में व्यस्त हैं. किसान मंडी में दाम घटने के बाद भी अपनी उपज बेचने के लिए पहुंच रहे हैं. वहीं किसानों का कहना है कि शुरुआत में मंडी में शरबती को छोड़कर दूसरे गेहूं की वैरायटी के दाम भी अच्छी क्वालिटी होने पर 3 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक मिले थे. जबकि अब यह घटकर करीब 2,400 रुपए और इससे नीचे पहुंच गए हैं. हालांकि समर्थन मूल्य 2015 से अधिक है. इससे किसानों को फायदा हो रहा है.

 

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