Corona in MP: मध्य प्रदेश के कई जिलों से कोरोनावायरस राहत देने वाली बड़ी खबर सामने आ रही है. कोरोना के मरीज की पॉजिटिविटी दर भी कम हो रही है. इसके अलावा कम मरीज सामने आने से अस्पताल में खाली पड़े हुए हैं. मध्यप्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर का प्रभाव धीरे-धीरे कम होने के संकेत मिल रहे हैं लेकिन अभी भी एतिहात बरतने की जरूरत है.
यदि इंदौर की बात की जाए तो यहां पर प्रतिदिन 2500 से 3000 के बीच कोरोना के मरीज सामने आ रहे थे मगर गुरुवार को जो रिपोर्ट सामने आई उसमें महज 1498 कोरोना मामले सामने आए. इसी तरह यदि उज्जैन की बात की जाए तो यहां भी रोज 200 कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आ रहे थे मगर यहां भी पॉजिटिविटी दर 13% से घटकर 5% पर पहुंच गई है.
गुरुवार को सामने आए 75 पॉजिटिव केस
उज्जैन में गुरुवार को महज 75 पॉजिटिव मरीज सामने आए. इसी तरह जबलपुर और ग्वालियर में भी कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में कमी आई है. हालांकि राजधानी भोपाल में 1857 मरीज सामने आए है लेकिन यहां भी पॉजिटिविटी की दर कुछ कमी देखने को मिल रही है. कोरोना स्पेशलिस्ट रोनक एलची के मुताबिक अभी आंशिक राहत जरूर मिली है मगर लोगों को एहतियात बरतने की जरूरत है. कोरोना के आंकड़े और पॉजिटिविटी दर में कुछ कमी देखने को मिल रही है.
अगर ऐसा ही चलता रहा तो फरवरी माह की 15 तारीख तक तीसरी लहर का असर बड़े शहरों में कम होने की उम्मीद है. डाॅ रोनक एलची के मुताबिक तीसरी लहर में अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में भी काफी कमी है इसलिए अस्पताल खाली पड़े हुए हैं.
होम आइसोलेशन से मरीज हुए कम
डॉ. रौनक एलची के मुताबिक कोरोना की तीसरी लहर के लक्षण और उसके उपचार को लेकर सामान्य लोगों तक भी पूरी जानकारी पहुंच गई है, इसलिए लोग खुद को होम आइसोलेट कर उपचार भी करा रहे हैं लेकिन चिकित्सकों ने ऐसे लोगों से गुजारिश की है कि वे डॉक्टर को जरूर दिखाएं और पूरा उपचार करवाएं ताकि वे खुद भी स्वस्थ हो सके और उनके परिवार के ऊपर से खतरा टल सके. यदि आधे अधूरे डोज से मरीज पूरी तरह ठीक नहीं हुआ तो वह दूसरों को संक्रमण पहुंचाने की भूमिका निभा सकता है.
ऑफलाइन होगी परीक्षा
कोरोना की तीसरी लहर का प्रकोप कम होने के साथ ही सकारात्मक बयान भी सामने आ रहे हैं. शिवराज सरकार की ओर से ऑफलाइन परीक्षा के संकेत दे दिए गए हैं. हालांकि तारीखों का ऐलान आगे पीछे हो सकता है.
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