Jabalpur News: मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव में आरक्षण की प्रक्रिया आज से शुरू होगी, इस तारीख को होगा प्रकाशन
MP News : उप जिला निर्वाचन अधिकारी के अनुसार आरक्षण के आशय की सूचना का प्रकाशन कलेक्टर कार्यालय, जिला पंचायत कार्यालय, सभी तहसील और जनपद पंचायत कार्यालय में किया जाएगा.
जबलपुर: राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार त्रि-स्तरीय पंचायतों के चुनाव की तैयारियों के तहत जबलपुर जिले में पंच, सरपंच एवं जनपद अध्यक्ष के पद और जनपद पंचायतों और जिला पंचायत के निर्वाचन क्षेत्रों के आरक्षण की प्रक्रिया शुक्रवार 20 मई से प्रारंभ होगी. ग्राम पंचायतों के वार्ड और सरपंच पद के आरक्षण के आशय की सूचना का प्रकाशन शुक्रवार 20 मई को किया जाएगा. प्रदेश में पंचायत चुनाव सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कराए जा रहे हैं.
कब होगा आरक्षण का प्रकाशन
उप जिला निर्वाचन अधिकारी और अपर कलेक्टर नम: शिवाय अरजरिया के अनुसार ग्राम पंचायतों के वार्डों एवं सरपंच पद के साथ ही शुक्रवार 20 मई को जनपद पंचायतों के निर्वाचन क्षेत्रों एवं जनपद पंचायत अध्यक्ष पद की तथा जिला पंचायत के निर्वाचन क्षेत्रों के आरक्षण के आशय की प्रारंभिक सूचना का प्रकाशन भी किया जाएगा.
आरक्षण के आशय की सूचना का प्रकाशन कलेक्टर कार्यालय, जिला पंचायत कार्यालय, सभी तहसील और जनपद पंचायत कार्यालय में किया जाएगा. उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि अनुसूचित जाति, अनूसूचित जनजाति और महिलाओं के लिए आरक्षित वार्डों, निर्वाचन क्षेत्रों, सरपंच एवं जनपद पंचायत अध्यक्षों की संख्या के विवरण की सूचना का प्रकाशन 23 मई को होगा.
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा है
उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायतों के वार्ड और सरपंच पद के आरक्षण की कार्यवाही और किए गए आरक्षण का प्रकाशन 25 मई को किया जाएगा. इसी प्रकार जनपद पंचायतों के निर्वाचन क्षेत्र एवं जनपद पंचायत अध्यक्ष के आरक्षण तथा जिला पंचायत के निर्वाचन क्षेत्र के आरक्षण की कार्रवाई और किए गए आरक्षण का प्रकाशन 25 मई को किया जाएगा.
प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 27 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया था. सरकार के इस फैसले को अदालत में चुनौती दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को दिए अंतरिम आदेश में सरकार को बिना ओबीसी आरक्षण के ही चुनाव कराने को कहा था. इससे प्रदेश की राजनीति में भूचाल आ गया था. प्रदेश सरकार ने 12 मई को सुप्रीम कोर्ट में एक संशोधन याचिका दायर की. इस पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 18 मई को ओबीसी आरक्षण पर सरकार की दलीली को मान लिया और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ कराने को कहा. अदालत ने कहा है कि आरक्षण किसी भी सूरत में 50 फीसदी से अधिक नहीं होना चाहिए.
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