MP News: बागेश्वर धाम सरकार के बाद अब पंडित प्रदीप मिश्रा का बड़ा दावा, बोले- 'रुद्राक्ष पहनते ही...'
Sehore News: उन्होंने कहा कि देश के अधिकांश धार्मिक स्थानों पर नकली रुद्राक्ष बेचा जा रहा है. बाजार में इस समय प्लास्टिक और फाइबर के रुद्राक्ष भी बिक रहे हैं और लोगों से धोखा किया जा रहा है.
MP News: छतरपुर के बागेश्वर धाम के संत धीरेन्द्र शास्त्री का मामला अभी थमा भी नहीं था कि अब सीहोर वाले पंडित प्रदीप मिश्रा ने एक अनूठा दावा कर दिया है. पंडित प्रदीप मिश्रा ने शनिवार को पत्रकार वार्ता के दौरान एक दावा किया है कि रुद्राक्ष पहनते ही खराब ग्रह सुधर जाएंगे. बता दें कि राजधानी भोपाल से 40 किलोमीटर दूर स्थित सीहोर जिला मुख्यालय पर अगले महीने फरवरी में रुद्राक्ष महोत्सव होने जा रहा है. कार्यक्रम अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर पर होगा. महोत्सव की शुरुआत 16 फरवरी से होने जा रही है.
महोत्सव की तैयारियों को लेकर शनिवार को प्रेसवार्ता का आयोजन पंडित मिश्रा द्वारा किया गया था. इस मौके पर पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि यह आयोजन प्रशासन, समाज और विठलेश सेवा समिति के पूरे सहयोग से सफलतापूर्वक किया जाएगा. शहर ही नहीं मंदिर क्षेत्र के सभी क्षेत्रवासी श्रद्धालुओं के लिए अपने भवनों के अलावा धर्मशाला आदि देने का पहले ही प्रस्ताव दे चुके है. सभी समाज के लोगों के द्वारा सेवाभाव से अपनी स्वीकृति प्रदान की जा रही है. गत दिनों प्रदेश के चिकित्सा मंत्री विश्वास सारंग ने भी व्यवस्थाओं का जायजा लिया था.
रुद्राक्ष पहनते ही सुधर जाते हैं खराब ग्रह
शनिवार को आयोजित प्रेसवर्ता में पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि हिन्दू धर्म का पालन करने वालों में रुद्राक्ष का विशेष महत्व होता है. रुद्राक्ष को भगवान शिव से जोड़ कर देखा जाता है, जो भी व्यक्ति रुद्राक्ष पहनता है उसके खराब ग्रह सुधर जाते हैं और शुभ फल देने लगते हैं. रुद्राक्ष धारण करने से दिल संबंधित बीमारियां, तनाव, चिंता, ब्लड प्रेशर आदि को नियंत्रित करने में मदद मिलती है लेकिन इन दिनों धड़ल्ले से आस्था के नाम से खिलवाड़ किया जाता है. धोखेबाज व्यापारी रुद्राक्ष के नाम पर भद्राक्ष बेचकर लोगों से साथ धोखा कर रहे हैं.
गत दिनों हुए रुद्राक्ष महोत्सव के बाद एक अध्ययन में पाया गया है कि देश के अधिकांश धार्मिक स्थानों पर नकली रुद्राक्ष बेचा जा रहा है. रुद्राक्ष की भारत में कुल 33 प्रजातियां हैं. बाजार में बेचे जा रहे तीन मुखी से नीचे और सात मुखी से ऊपर के ज्यादातर रुद्राक्ष नकली हैं. बाजार में इस समय प्लास्टिक और फाइबर का रुद्राक्ष भी बिक रहे हैं. अध्ययन में पाया गया है कि लकड़ी को रुद्राक्ष का आकार देकर या फिर टूटे रुद्राक्षों को जोडक़र भी नया रुद्राक्ष बनाने का धंधा चल रहा है. धाम से मिलने वाले रुद्राक्ष का महत्व काफी है, इस अभिमंत्रित रुद्राक्ष से लोगों की समस्याओं और बीमारियों का समाधान हो रहा है.
दो लाख श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था
विठलेश सेवा समिति के मीडिया प्रभारी प्रियांशु दीक्षित ने बताया कि इस आयोजन के लिए जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं. कथा के लिए 300 बाय 600 फीट का डोम तैयार किया जा रहा है. प्रारंभिक अनुमान के आधार पर करीब 2 लाख श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था की जा रही है. यदि इससे अधिक श्रद्धालु पहुंचते हैं तो और भी पंडाल लगाए जाएंगे ताकि किसी को भी खुले आसमान के नीचे बैठकर कथा सुनने को मजबूर न होना पड़े. उन्होंने बताया कि फरवरी में ही डोम और पंडाल का काम पूरा कर लिया जाएगा. आयोजन स्थल पर ऐसी तैयारियां की जा रही हैं ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की परेशानी न उठानी पड़े.
राजस्थान-गुजरात के रसाईए बनाएंगे भोजन
जानकारी के अनुसार आगामी भव्य कार्यक्रम में हर रोज लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का सैलाब आएगा, इसको देखते हुए विठलेश सेवा समिति के द्वारा गुजरात और राजस्थान के रसोईयों की टीम को भोजन बनाए जाने की व्यवस्था के लिए आमंत्रित किया गया है. इसके अलावा अन्य लोकल के लोगों को भी भोजन आदि की व्यवस्था के लिए लगाया जाएगा. इसके लिए करीब 10 एकड़ में भोजशाला का निर्माण किया जाएगा.
100 एकड़ में रहेगी वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था
भव्य कार्यक्रम में वाहनों से आने वाले श्रद्धालुओं के वाहनों के पार्किंग की व्यवस्था के लिए 100 एकड़ भूमि की व्यवस्था की गई है, इसके अलावा आस-पास के रिक्त स्थानों पर भी प्रशासन और समाजसेवियों के द्वारा वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था की गई है जिससे जाम जैसी स्थिति से निजात मिलेगी, इसके अलावा शहर की अन्य कालोनियों सहित अन्य ने भी अपने-पने सुझाव दिए हैं.
24 घंटे सातों दिन किया जाएगा रुद्राक्ष वितरण
रुद्राक्ष वितरण को लेकर चार दर्जन से अधिक काउंटरों के माध्यम से 24 घंटे सात दिनों तक वितरण किया जाएगा इसके लिए करीब 10 एकड़ से अधिक स्थान पर 40 से अधिक काउंटरों से श्रद्धालुओं की लाइन लगाकर वितरण किया जाएगा, जिससे आने वाले श्रद्धालुओं को आसानी से रुद्राक्ष मिल सके.
आगामी माह से होने लगेगा ट्रेनों का स्टापेज
इस संबंध में विठलेस सेवा समिति के मीडिया प्रभारी प्रियांशु दीक्षित ने बताया कि रेलवे स्टेशन में मात्र 20 ट्रेन का ही स्टापेज है, इसके लिए भागवत भूषण पंडित मिश्रा के द्वारा पत्र लिखा जा चुका है, आगामी दिनों में इस समस्या का समाधान होगा और फरवरी में इसकी सौगात मिलेगी.
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