Sagar News: डॉ. हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर  (Dr. HariSingh Gaur Kendriya VishwaVidyalaya Sagar) में प्रबंधन की भयानक लापरवाही उजागर हुई है. विश्वविद्यालय के फिजिकल एजुकेशन विभाग (Physical Education Department) में शैक्षणिक पाठयक्रम शुरू करने के लिए बोर्ड ऑफ स्टडीज (Board of Studies) का गठन किया गया है. छह सदस्यीय बोर्ड में लक्ष्मीबाई नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन ग्वालियर  (Lakshmibai National Institute of Physical Education Gwalior) की प्रोफेसर जंयश्री आचार्य को भी शामिल कर लिया गया है. प्रोफेसर जयश्री आचार्य अब इस दुनिया में नहीं हैं. कोरोना काल में एक साल पहले महिला प्रोफेसर की मौत हो चुकी है. किरकिरी होने के बाद विश्वविद्यालय प्रबंधन खानापूर्ति में जुट गया है. 


छह सदस्यीय बोर्ड में 'दिवंगत' महिला प्रोफेसर का भी नाम


विश्वविद्यालय ने बीपीएस-एमपीएस (बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन-मास्टर ऑफ फिजिकल एजुकेशन) की तैयारी की है. शैक्षणिक पाठ्यक्रम तय करने के लिए कुलपति के अनुमोदन से एक अध्ययन मंडल का गठन किया गया है. बोर्ड ऑफ स्टडीज बीपीएस और एमपीएस के पाठ्यक्रम तैयार करेगा, लेकिन विश्वविद्यालय ने अध्ययन मंडल में शामिल विषय विशेषज्ञों से वर्षों संपर्क ही नहीं किया. इसलिए दो साल पहले दुनिया को अलविदा कह चुकी प्रोफेसर को अध्ययन मंडल में शामिल कर लिया. 5 मई 2022 को नोटिफिकेशन सामने आने के बाद मामला उजागर हुआ. 


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नोटिफिकेशन जारी होने के बाद विश्वविद्यालय की किरकिरी


विश्वविद्यालय की तरफ से 5 मई को जारी नोटिफिकेशन के अनुसार विवि के डॉ राकेश मलिक, डॉ सुमन पटेल, प्रो बीआई गुरू, प्रो रत्नेश दास को शामिल किया गया है. इसके अलावा देवी अहिल्या विवि इंदौर के शारीरिक शिक्षा विभाग के एचओेडी प्रो दीपक मेहता और रानी लक्ष्मी बाई इंस्टीट्यूट ग्वालियर की प्रोफेसर जयश्री आचार्य भी अध्ययन मंडल की सदस्य हैं. डॉ गौर विवि सागर के डिप्टी रजिस्ट्रार (एकेडमिक अफेयर्स ) सतीश कुमार का कहना है कि अध्ययन मंडल में शामिल नामों का चयन ऊपर से किया गया है. हमारे पास कुलपति कार्यालय से नाम आए थे. अध्ययन मंडल में शामिल एक महिला प्रोफेसर के निधन होने की खबर मिली है. बदलने की कवायद की जा रही है. 


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