Rajiv Gandhi Birth Anniversary: बीना में हुई थी राजीव गांधी की पहली जनसभा, जयंती के मौके पर पढ़ें कुछ खास बातें
मध्य प्रदेश के सागर जिले के बीना में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने पहली जनसभा को संबोधित किया था.राजीव गांधी को सुनने और देखने के लिए भारी संख्या में लोगों की भीड़ जुटी थी.
MP News: दिग्गज नेताओं के राजनैतिक जीवन की पहली आमसभा को लोग याद रखा करते है. ऐसा ही कुछ सागर वासियों के जेहन में राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) के बारे में बसा है. उनकी राजनीति की पहली आमसभा सागर जिले (Sagar) के बीना (Bina) में हुई थी. उन्होंने दो तीन सभाएं उस समय जिले में की. जिसे कांग्रेस प्रत्याशी लेकर उस दौर के लोगो की आज यादें ताजा हो गई. उनकी जयंती पर याद भी कर रहेंगे. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की आज 78वीं जयंती है. 20 अगस्त 1944 को जन्मे राजीव गांधी ने 37 साल की उम्र में 1981 में राजनीति में कदम रखा था.
इसके बाद उनके राजनीतिक जीवन की पहली चुनावी आमसभा सागर जिले के बीना में हुई थी. राजीव गांधी 23 दिसंबर 1981 को सागर लोकसभा उपचुनाव (Sagar Lok Sabha by-election) में कांग्रेस प्रत्याशी श्यामलाल ठक्कर के प्रचार के लिए बीना पहुंचे थे. शास्त्री वार्ड स्थित शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय क्रमांक-एक में आमसभा होने के बाद उनका बीना में रोड-शो भी हुआ था.
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चुनावी सभा में जुटी थी भारी भीड़
तत्कालीन कांग्रेस प्रत्याशी श्यामलाल ठक्कर ने बताया कि 1980 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की सहोद्रा बाई राय जीती थीं, लेकिन छह माह बाद उनका निधन हो गया. इसके बाद 1981 में उपचुनाव हुए, जिसमें कुछ समय पहले ही राजनीति में आए राजीव गांधी के राजनीतिक जीवन की पहली आमसभा बीना में हुई थी. इसके बाद उन्होंने सागर लोकसभा क्षेत्र के खुरई, सागर, रहली सहित दो दिन तक सभाएं की थीं. उनको सुनने और देखने के लिए भारी संख्या में भीड़ भी जुटी थी. लोग उनकी देखने आतुर थे. हालांकि पार्टी में स्थानीय स्तर पर विरोध के चलते ठक्कर अपने प्रतिद्वंदी बीजेपी प्रत्याशी रामप्रसाद अहिरवार से चुनाव हार गए थे.
बीना में हुई थी पहली जनसभा
कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक बिलगैंया ने बताया कि उस दौरान बीना से अरविंद भाई पटेल विधायक थे और कार्यक्रम के प्रभारी तत्कालीन जनपद अध्यक्ष उनके दादा बद्रीप्रसाद बिलगैंया थे. बिलगैंया ने बताया कि उनके दादा के बताए अनुसार सभा की तैयारियों को लेकर दो दिन पहले से ही प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह सहित कई मंत्रियों ने बीना में डेरा डाल लिया था.स्थानीय निवासी 86 वर्षीय महेश राय ने बताया राजीव की सभा काफी चर्चा में रही थी. बीना में उनकी पहली चुनावी सभा थी. उनका आना इसलिए भी चर्चा का विषय रहा कि एक तो वे प्रधानमंत्री के बेटे थे और दूसरा बीना में पहली बार हेलिकॉप्टर उतरा था. जो यहां के लोगों के लिए एक नई बात थी.
नौकरी से इस्तीफा देकर लड़े थे चुनाव
कांग्रेस के टिकट पर उपचुनाव लड़े श्यामलाल ठक्कर मूलरूप से सागर निवासी हैं, लेकिन वर्तमान में वे भोपाल में निवासरत हैं. उन्होंने बताया कि 1981 में हुए उपचुनाव के पहले वे दमोह शासकीय कॉलेज में प्रोफेसर थे. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा बनाई तीन लोगों की पैनल ने मेरे नाम पर मुहर लगाई और इंदिरा जी ने मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह को फोन लगाकर मेरा इस्तीफा दिलाने को बोला.मैंने प्रोफेसर के पद से इस्तीफा देकर चुनाव लड़ा. चुनाव हारने के बाद पार्टी द्वारा दी गई दूसरी जिम्मेदारियां निभाईं. इसके बाद 1985 में पार्टी ने मुझे दमोह जिले की पथरिया सीट से विधानसभा का टिकट दिया और जीतकर 1990 तक विधायक रहा.