Baleshwar Dayal Death anniversary : मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के बामनिया में समाजवादी विचारक और चिंतक मामा बालेश्वर दयाल ( Baleshwar Dayal ) की पुण्यतिथि पर कई राज्यों के समाजवादी भारी संख्या में जमा हुए.यहां देश के अलग-अलग हिस्सों से बड़ी संख्या में समाजवादी पहुंचे और सभी ने मामा बालेश्वर को श्रद्धांजलि ( Tribute ) अर्पित की. बता दें कि समाजवादी विचारक और पूर्व सांसद मामा बालेश्वर दयाल की पुण्यतिथि ( Baleshwar Dayal Death anniversary ) के मौके पर मध्य प्रदेश के अलावा राजस्थान ( Rajasthan ) और गुजरात ( Gujrat ) आदि इलाकों से यात्राएं निकाली जाती है, जो 25 दिसंबर के दिन बामनिया के भील आश्रम पहुंचती है.


मामा बालेश्वर के सिद्धांतों को आगे बढ़ाने का लिया संकल्प 
लोक क्रांति अभियान के संयोजक गोविंद यादव ने बताया कि बालेश्वर दयाल ( Baleshwar Dayal )  की पुण्यतिथि के मौके पर देश के कई राज्यों से जिनमें गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश शामिल है, वहां से 21 दिसंबर से पदयात्राएं निकलने का सिलसिला शुरू हुआ, सभी यात्राएं 25 दिसंबर को भीम आश्रम पहुंची. इस मौके पर मौजूद लोगों ने बालेश्वर दयाल के सिद्धांतों पर आगे बढ़ने का संकल्प लिया. 


क्रांतिकारियों का गढ़ रहा है भीमाचल 
गोविंद यादव के मुताबिक मध्य प्रदेश, गुजरात और राजस्थान का भीमाचल क्षेत्र आजादी के आंदोलन से पहले से ही क्रांतिकारियों का गढ़ रहा है. बालेश्वर दयाल ने अपने जीवन के अंतिम समय तक गैर बराबरी और शोषण के खिलाफ आंदोलन जारी रखा और उनके संघर्ष का एक लंबा इतिहास और विरासत है. उनकी मृत्यु के बाद ही संपूर्ण भीमांचल क्षेत्र में उनके सिद्धांतों, कार्यक्रमों को आदिवासियों ने अपने लोक जीवन में अपनाकर उन्हें सम्मानित करने का काम किया है. यही कारण है कि उनकी पुण्यतिथि पर संपूर्ण भीमांचल क्षेत्र में लोक उत्सव जैसा माहौल होता है.


समाजवादी नेता मामा बालेश्वर दयाल ( ( Baleshwar Dayal ) )  की पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में समिति की अध्यक्ष मालती देवी और कार्यक्रम के संयोजक हरिओम रघुवंशी के अलावा बड़ी संख्या में समाजवादी मौजूद रहे.


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