Sant Bhaiya Ji Sarkar News: मध्य प्रदेश के एक संत दादा गुरु भैया जी सरकार की सेहत वैज्ञानिक जिज्ञासा और शोध का विषय बन गई है. संत भैया जी सरकार पिछले 3 साल 7 महीने से केवल नर्मदा जल जीवित है. इस निराहारी संत की सेहत पर शोध की पहल मध्य प्रदेश सरकार ने की है. जबलपुर के नेताजी मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों की एक टीम ने संत भैया जी सरकार की सेहत का राज जानने के लिए जांच पड़ताल शुरू कर दी है.


व्रत और उपवास तो सनातन धर्म में आम है, लेकिन यदि कई सालों से ज्यादा समय तक केवल नर्मदा जल पर जिंदा रहे तो अचरज होना स्वाभाविक है. संत भैया जी सरकार का दावा है कि वे करीब 3 साल 7 महीने से अन्न का दाना खाए बिना जीवित है. नर्मदा जल के अलावा वे न तो कोई फल लेते हैं और ना ही कोई दूसरा अन्न ग्रहण करते हैं. इसके बावजूद वे पूरी तरह से स्वस्थ हैं. 42 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा तापमान वाली जबलपुर की भीषण गर्मी में भी भैया जी सरकार पूरी तरह से स्वस्थ हैं और प्रतिदिन लगभग 15 किलोमीटर की यात्रा करते हैं.






परीक्षण के लिए ब्लड के सैंपल 
संत भैया जी सरकार की निराहार तपस्या की खबर जब सरकार तक पहुंची तो वह हरकत में आ गई. अब राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग में इस संत की सेहत पर शोध शुरू कर दिया है. कलेक्टर दीपक सक्सेना द्वारा गठित जबलपुर मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों की टीम ने भैया जी सरकार के शरीर के वैज्ञानिक परीक्षण के लिए ब्लड के सैंपल लिए हैं. इसके साथ ही शुगर,बीपी, हार्ट, पल्स रेट समेत कई तरह के टेस्ट किये जा रहे है.


भैया जी सरकार करेंगे नर्मदा परिक्रमा
साथ ही उनके शरीर के दूसरे अंगों की जांच की गई है. ईसीजी और ईको कार्डियोग्राम जांच भी की गई है. आज शुक्रवार (24 मई) से भीषण गर्मी में भैया जी सरकार नर्मदा परिक्रमा करेंगे. परिक्रमा के दौरान डॉक्टर की एक टीम और एंबुलेंस उनके साथ हर समय मौजूद रहेगी. शुरुआत की सभी जांच जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल हॉस्पिटल में पूरी हुई है.


विशेषज्ञों की की गई है कमेटी गठित
कलेक्टर दीपक सक्सेना ने बताया कि सरकार महायोगी दादा गुरु भैया जी सरकार की साधना पर शोध एवं उसकी प्रमाणिकता को विश्‍व पटल पर प्रमाणिक तौर पर स्थापित करने की कोशिश कर रही है. लोक स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार डीन नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज द्वारा इसके लिये विशेषज्ञों की एक कमेटी गठित की गई है.


इसके अध्यक्ष पूर्व प्राध्यापक, कार्डियोलॉजी विभाग एवं पूर्व कुलपति एमपीएमएसयू जबलपुर डॉ. आरएस शर्मा होंगे. कमेटी का सदस्य सहायक प्राध्यापक मेडिसिन डॉ. प्रशांत पुणेकर, सहायक प्राध्यापक पैथोलॉजी विभाग डॉ. राजेश महोबिया और नर्मदा मिशन के अध्यक्ष नीलेश रावल को बनाया गया है.


किया जा रहा है शोध
जांच की निगरानी के लिए कलेक्टर दीपक सक्सेना ने तहसीलदार भरत सोनी को जिम्मेदारी दी है. तहसीलदार भरत सोनी ने बताया कि आने वाले 15 दिनों तक लगातार संत भैया जी सरकार के चिकित्सकीय परीक्षण का सिलसिला चलेगा. इसके बाद डॉक्टर यह बताने की स्थिति में होंगे कि नर्मदा जल पीकर भी क्या कोई जिंदा रहा जा सकता है? इसके साथ इस बात पर भी शोध किया जा रहा है कि आखिर कोई शख्स बिना भोजन ग्रहण किये कैसे पूरी ऊर्जा के साथ जिंदा रह सकता है?


नर्मदा नदी की शुद्धि को लेकर किया था भैया जी
बता दे कि, भैया जी सरकार पिछले 10 सालों से नर्मदा शुद्धिकरण अभियान से जुड़े है. वे नर्मदा से जुड़े मुद्दों को लेकर आंदोलन करते आ रहे हैं. कुछ दिन पहले ही भैया जी सरकार ने नर्मदा जी में मिलने वाले गंदे नालों को लेकर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी. उन्होंने नर्मदा नदी की शुद्धि को लेकर सड़कों पर आंदोलन भी किया था. संत भैया जी सरकार नर्मदा नदी में होने वाले अवैध उत्खनन को लेकर भी आगे खड़े रहे है. भैया जी सरकार के भक्तों में मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और विश्वास सारंग जैसे बड़े नाम भी शामिल है.


ये भी पढ़ें: MP Water Crisis: मध्य प्रदेश में भीषण गर्मी के बीच गहराया पेयजल संकट, गंदा पानी पीने पर मजबूर हुए ग्रामीण