Satpura National Park: बाघों के आराम में खलल डाल रहे पर्यटक, बंद होंगे मढ़ई और चूरना के रेस्ट हाउस
MP: पर्यटकों की आवाजाही होने की वजह से बाघों के आराम में खलल पड़ता है इसलिए सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के मढ़ई क्षेत्र में नदी के दूसरी तरफ बने मढ़ई और चूरना के रेस्ट हाउस को बंद किया जाएगा.
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण जल्द ही सतपुड़ा में स्थित मढ़ाई और चूरना के रेस्ट हाउस को बंद करने जा रहा है. राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण यह निर्णय पर्यटकों द्वारा बाघों के आराम में खलल डालने पर ले रहा है. फिलहाल, मढ़ई रेस्ट हाउस के तीन और चूरना रेस्ट हाउस के चार कमरे बंद कर दिए गए हैं.
बता दें कि सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के मढ़ई क्षेत्र में नदी के दूसरी तरफ पार्क के गेट पर एक रेस्ट हाउस है. इसमें सात कमरे हैं, इसी तरह चूरना क्षेत्र में भी आठ कमरों का रेस्ट हाउस है. इन दोनों ही रेस्ट हाउस में पर्यटक ठहरते हैं. पर्यटकों की आवाजाही होने की वजह से बाघों के आराम में खासा खलल होता है.
इसलिए राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण दोनों ही रेस्ट हाउसों को बंद करने जा रहा है. फिलहाल. चूरना रेस्ट हाउस के चार कमरे और मढ़ाई रेस्ट हाउस के तीन कमरों को बंद किया जा चुका है. सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के एसडीओ संदेश महेश्वरी के मुताबिक राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण द्वारा रेस्ट हाउस को बंद किए जाने के निर्देश दिए हैं. खाली रेस्ट हाउसों में गश्ती दलों को ठहराने में उपयोग किया जाएगा.
मढ़ई में दो नए वाहनों का उपयोग भी बंद
बता दें कि एसटीआर प्रबंधन ने मढ़ई में दो नए वाहनों को भी बंद कर दिया है. बताया जा रहा है कि यह दोनों वाहन जंगल के टेड़े-मेड़े रास्तों पर चलने लायक नहीं है. यह दोनों वाहन पर्यटकों को घुमाने के काम नहीं आ पा रहे हैं. इधर बफर एरिया में पर्यटकों को सफारी कराने वाली जिप्सियों को भी बंद कराया जा रहा है.
अभी तक तीन से चार जिप्सियों को बंद कराया जा चुका है. यह जिप्सियां काफी पुरानी हो गईं थी इसलिए इनका उपयोग सुरक्षित नहीं समझा जा रहा था. बता दें कि सतपुड़ा नेशनल पार्क के जंगल की सकरी और घुमावदार पगडंडी सड़क पर चलने के लिए अच्छे वाहनों की आवश्यकता होती है.