MP News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के उज्जैन (Ujjain) में भगवान महाकाल (Mahakal) के दरबार में सावन के पहले सोमवार (Swan's First Monday) की शुरुआत भव्य भस्म आरती (Mahakal Bhasma Aarti) से हुई. देशभर के श्रद्धालु भगवान महाकाल का आशीर्वाद लेने के लिए मंदिर (Mahakaleshwar Mandir Ujjain) पहुंच रहे हैं. सावन (Sawan) के महीने में भस्म आरती के दर्शन का विशेष महत्व माना जाता है.
महाकालेश्वर मंदिर में सोमवार को पट खुलने के बाद भव्य भस्म आरती हुई. भगवान महाकाल की भस्म आरती के पहले राजाधिराज महाकाल को दूध, दही, शहद, जल और फलों के रस से स्नान कराया गया. महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी महेश ने बताया कि भगवान महाकाल की पावन भस्म आरती के दर्शन करने मात्र से श्रद्धालुओं की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
पुजारी राम ने बताया महाकाल के दर्शन का महत्व
मंदिर के पुजारी राम के मुताबिक, सावन के महीने में देशभर के श्रद्धालु दर्शन के लिए मंदिर पहुंचते हैं, हालांकि, भस्म आरती प्रमुख रूप से आकर्षण का केंद्र रहती है. उन्होंने कहा कि भस्म आरती के दर्शन करने से अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है. महाकालेश्वर मंदिर समिति द्वारा सावन के महीने में श्रद्धालुओं की सुविधाओं को लेकर व्यापक इंतजाम किए गए हैं.
डिप्टी कलेक्टर गोविंद दुबे ने यह कहा
वहीं डिप्टी कलेक्टर गोविंद दुबे ने बताया कि महाकालेश्वर मंदिर समिति और जिला प्रशासन द्वारा बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को शीघ्र दर्शन हों, ऐसे इंतजाम किए गए हैं. मंदिर परिसर में भीड़ प्रबंधन के साथ-साथ श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा को लेकर भी सावन के महीने में अधिक इंतजाम रहते हैं. उन्होंने बताया कि आम दिनों में मंदिर में 15 मिनट में भगवान के दर्शन हो जाते हैं लेकिन सावन के दिनों में आधे घंटे में श्रद्धालुओं को दर्शन कराने का लक्ष्य रखा गया है. इसके अतिरिक्त सोमवार को भीड़ अधिक होने की परिस्थिति में आधे घंटे के भीतर दर्शन की व्यवस्था हो रही है.
सावन में ऐसे होती महाकाल की पूजा
भगवान महाकाल का जल और दूध से अभिषेक करने के बाद राजाधिराज महाकाल का सूखे मेवे और भांग से श्रृंगार किया गया. पंडित महेश पुजारी ने बताया कि सावन के महीने में भी मंदिर में पांच आरतियां होती हैं लेकिन भस्म आरती के लिए भगवान महाकाल को विशेष रूप से सजाया जाता है.
दिल्ली से आए श्रद्धालु ने यह कहा
दिल्ली से आए एक श्रद्धालु प्रमोद सिंह ने बताया की भगवान महाकाल की भस्म आरती का दर्शन कर धन्य हो गए हैं. उन्होंने बताया की भस्म आरती के दौरान ऐसा प्रतीत होता है कि मानो भगवान शिव साक्षात आशीर्वाद देने के लिए आ गए हैं. उन्होंने कहा कि भस्म आरती के दौरान उनके रोंगटे खड़े हो गए थे, वह पूरे परिवार के साथ भस्म आरती में शामिल होकर खुद को धन्य मानते हैं.