MP News: सावन का महीना गुरुवार से शुरू हो गया. उज्जैन में भगवान महाकाल (Mahakaal) के दरबार में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने लगी है.श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन को पहुंच रहे हैं. महाकालेश्वर मंदिर में सावन की शुरुआत भस्म आरती से हुई. महाकालेश्वर मंदिर के महेश पुजारी बताते हैं कि शिव आराधना के लिए सावन का महीना काफी पवित्र माना जाता है. शिव भक्तों को वर्ष भर इस महीने का इंतजार रहता है.


गुरुवार को भगवान महाकाल के दरबार में सावन के पहले दिन भव्य भस्म आरती हुई. पहले भगवान महाकाल को दूध, दही, शहद और फलों के रस से स्नान कराया गया.इसके बाद सूखे मेवे और भांग से भगवान का अद्भुत और अलौकिक श्रृंगार किया गया. इसके पश्चात भव्य भस्म आरती हुई, जिसका शिव भक्तों को बेसब्री से इंतजार रहता है. भगवान महाकाल का आशीर्वाद लेने के लिए देशभर के श्रद्धालु उज्जैन पहुंच रहे हैं. श्रद्धालुओं की सुविधा को लेकर महाकालेश्वर मंदिर में व्यापक इंतजाम भी किए गए हैं.


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उत्साह में हैं श्रद्धालु


महाराष्ट्र से भगवान महाकाल का आशीर्वाद लेने उज्जैन पहुंचे महेंद्र सिंह ने बताया कि महाराष्ट्र में सावन का महीना पहले ही शुरू हो जाता है, लेकिन वे हर साल सावन में भगवान महाकाल का आशीर्वाद लेने के लिए आते हैं. 2 साल से कोरोना की वजह से नहीं आ पाए थे. इस बार भगवान महाकाल की भस्म आरती शामिल होकर वे धन्य हो गए हैं. महिला श्रद्धालु रागिनी ने बताया कि भगवान महाकाल की भस्म आरती में शामिल होकर ऐसा लगा कि मानो कैलाश पर्वत पर शिव की आराधना चल रही हो.

भक्तों की मनोकामना होती है पूर्ण

महाकालेश्वर मंदिर के राम पुजारी के मुताबिक सावन के महीने में भगवान शिव को जल चढ़ाने और पूजा आराधना करने से मनोकामना पूर्ण होती है. शिव भक्त अपनी मनोकामना को लेकर व्रत भी रखते हैं. सावन के प्रत्येक सोमवार भगवान महाकाल प्रजा को दर्शन देने के लिए नगर भ्रमण पर निकलते हैं. यह परंपरा भी केवल महाकालेश्वर मंदिर में ही निभाई जाती है.


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