Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के सीहोर जिले की पुलिस ने इंदौर से लाखों की ठगी कर वाले आरोपी को गिरफ्तार किया है. वहीं पुलिस इस शातिर ठग से पूछताछ कर रही है. पुलिस पूछताछ के दौरान यह ठग किस तरह से लोगों को ठगता था इसके राज खोल रहा है. शातिर ठग ने पुलिस को बताया कि उसने राजधानी भोपाल के वल्लभ के पास रहकर ठगी के गुऱ सीखे हैं. वल्लभ भवन के पास रहकर इस ठग ने अफसरों के नाम  विभागीय डाटा जुटाए थे. 


जानकारी के अनुसार इछावर निवासी आवेदक रूपेश वर्मा और नसरुल्लागंज के भाईलाल कालोनी निवासी राकेश बनवारी द्वारा पुलिस को शिकायत की गई थी. ग्राम चौकीदार कोटवार की नौकरी लगवाने के लिये 1.5 लाख रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से खर्च बता कर इंदौर निवासी सागर डामौर द्वारा ठगी की गई. सागर डामौर द्वारा उक्त आवेदकों से रुपये लेकर एक नियुक्ति आदेश दिया गया, जिसका सत्यापन करने पर नियुक्ति आदेश फर्जी पाया गया. आवेदकों कि शिकायत पर थाना नसरूल्लागंज व थाना इछावर में आईपीसी की धारा 420 के तहत मामला दर्ज कर आरोपी सागर पिता शंकर डामौर निवासी इंदौर को गिरफ्तार किया था.


12 कलेक्टरों के फर्जी लेटर पैड जब्त
पुलिस की पूछताछ में यह शातिर ठग चौका देने वाले राज खोल रहा है. पुलिस के अनुसार इस ठग के घर से एमपी के 12 जिलों के कलेक्टरों की सील मिली. अन्य आधिकारियों के फर्जी लेटर पैड भी जब्त किए गए. करीब 12 जिले सीहोर, खंडवा, बुरहानपुर, अलीराजपुर, झाबुआ, आशोकनगर गुना, शिवपुरी, बड़बानी, धार, भोपाल, इंदौर के अधिकारियों के पद नाम के हजारों सील जब्त किए गए. पुलिस को इस ठग ने बताया कि वह कलेक्टर, कमिश्नर व वल्लभ भवन के अफसरों के आदेश और उन पर किए गए साइन गूगल से देखता था. वह आदेश की कॉपी निकालता और उनकी भाषा देख फर्जी आदेश बनाकर आवेदकों को देता था.


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