MP News: मध्यप्रदेश के सीधी में विधायक केदारनाथ शुक्ला के खिलाफ फेसबुक पर कमेंट करना न सिर्फ युवक को महंगा पड़ा बल्कि एक पत्रकार भी पुलिस के लपेटे में आ गया. सीधी के नीरज कुंदेर नाट्य समिति के संचालक थे, जिनके द्वारा थिएटर कलाकारों के लिए कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. नीरज पर आरोप है कि उन्होंने फेसबुक पर नाम बदलकर विधायक केदारनाथ को अपशब्द कहे जिसकी शिकायत थाने में दर्ज हुई और नीरज कुंदेर पर विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया है.


नीरज कुंदेर के समर्थन में सीधी के कुछ पत्रकार और नाट्यकर्मियों ने सिटी कोतवाली थाने के सामने प्रदर्शन किया तो पुलिस ने पत्रकारों और नाट्य कर्मियों को जमकर पीटा और उनके साथ बदसलूकी की गई. पत्रकारों के कपडे उतार कर उनका फोटो सोशल मीडिया पर वायरल कराया गया. रात भर उन्हें थाने में रखकर मारपीट की गई और सुबह जमानत दे दी गई. पत्रकार के साथ पुलिस के इस व्यवहार की निंदा हो रही है लेकिन पुलिस ने कार्रवाई को सही ठहराया है. 


मामला दो अप्रैल की शाम का है जब कुछ कलाकार सिटी कोतवाली के सामने बैठकर नीरज कुंदेर नाम के कलाकार की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे थे. सीधी के नीरज कुंदेर नाट्य कर्मी है और कई कलाकारों के मार्गदर्शक हैं. उन पर आरोप था कि उन्होंने फेसबुक में अनुराग मिश्रा नाम से आईडी बना रखी थी जिससे वे सीधी विधायक केदारनाथ शुक्ला और उनके बेटे को अपशब्द कमेंट किया करते थे. मामला दर्ज होने पर पुलिस ने नीरज कुंदेर को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें जेल भेज दिया गया है. इसी घटना के विरोध में उनके साथी कलाकार सिटी कोतवाली के सामने प्रदर्शन कर रहे थे जिसकी अगुआई एक यू-ट्यूबर पत्रकार कनिष्क तिवारी कर रहे थे. हालांकि कनिष्क का कहना है कि वे कवरेज कर रहे थे लेकिन यह बात भी सच है कि उस समय उनके अलावा कोई और पत्रकार वहां मौजूद नहीं था. 


10 प्रदर्शनकारियों को किया अरेस्ट
जब प्रदर्शन कर रहे कलाकारों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की तो पुलिस ने समझाइश दी लेकिन प्रदर्शनकारी कलाकार नहीं माने. पुलिस ने प्रिवेंटिव एक्शन लेते हुए करीब 10 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया जिसमें यू-ट्यूबर कनिष्क तिवारी भी शामिल थे. थाने की प्रक्रिया के तहत उनके कपड़े उतरवाए गए और रात भर उन्हें थाने में रखकर सुबह 151 की कार्रवाई करते हुए जमानत पर छोड़ा गया. 


पत्रकारों की गैरमौजूदगी पर उठे सवाल
इस घटना के दो दिन बाद गिरफ्तार हुए लोगों की अर्धनग्न फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई जिसकी वजह से पत्रकारों द्वारा पुलिस के ऐसे व्यवहार की निंदा की गयी, लेकिन और कोई पत्रकार वहां मौजूद न होने के कारण सवाल भी उठते रहे. हालांकि पत्रकारों के दमन जैसी कोई घटना नहीं हुई है और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ने कपड़े उतरवाने की कार्रवाई को थाने का प्रोटोकॉल बताया है. 


अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक केपी वेंकटेश्वर राव ने बताया कि घटना दो तारिख की है जहां सोशल मीडिया के विवाद को लेकर नीरज कुंदेर नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था. उसके समर्थन में एक कथित पत्रकार कनिष्क तिवारी थे जो कुंदर के कलाकार साथियों को लेकर सिटी कोतवाली थाने के सामने प्रदर्शन कर रहे थे. प्रिवेंटिव मेजर के तहत उनको गिरफ्तार किया गया था. थाने में कपड़े इसलिए उतरवाए जाते हैं ताकि गिरफ्तार व्यक्ति सुसाइड जैसे कोई कदम न उठाए. सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर की हम जांच करा रहे हैं लेकिन पुलिस ने प्रक्रिया का पालन किया है. 


फोटो की होगी जांच
वहीं सीधी पुलिस अधीक्षक मुकेश श्रीवास्तव का बयान कुछ और ही है. उन्होंने कहा कि जो फोटोग्राफ्स सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं उनकी हम उच्च स्तरीय जांच कर रहे हैं और हमनें कनिष्ठ कर्मचारियों को निर्देश दिए हैं कि गिरफ्तारी की प्रक्रिया की जांच की जाए और अगर कोई विभागीय गलती पाई जाती है तो सम्बंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.


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