Indore News: इंदौर के जाने माने फ़िल्म समीक्षक जयप्रकाश चौकसे का जन्म 01 सितंबर 1939 में मध्यप्रदेश के बुरहानपुर में हुआ था चौकसे ने कई लेखमाला, उपन्यास, पुस्तके, कहानीया लिखी है व जॉने माने फ़िल्म समीक्षक रहे है. उन्होंने 83 साल की उम्र में बुधवार सुबह अंतिम सांस ली वह पिछले कई दिनों से केंसर की बीमारी से जूझ रहे थे. 


कैंसर से पीड़ित थे जयप्रकाश चौकसे
बुधवार सुबह करीब सवा 8 बजे जाने माने फिल्म समीक्षक और फिल्म उद्योग को नजदीक से जानने वाले जयप्रकाश चौकसे नहीं रहे.केंसर की बीमारी के चलते वह काफी दिनों से बीमार चल रहे थे जयप्रकाश चौकसे के बेटे राजू चौकसे न इस दुखद खबर की पुष्टि की है.


चौकसे की उम्र 83 वर्ष थी और पिछले कुछ दिनों से वे गंभीर रूप से बीमार भी थे और अभी 4 दिन पहले ही उन्होंने अपना भास्कर का लोकप्रिय कॉलम पर्दे के पीछे की अंतिम क़िस्त लिखी थी. जयप्रकाश चौकसे का शाम 5 बजे इन्दौर के सायाजी होटल के पीछे स्थित मुक्तिधाम पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. चौकसे का पार्थिव शरीर अभी निज निवास E-11 एचआईजी कालोनी शैफाली जैन नर्सिंग होम के पीछे रखा गया है. 


वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी नाम है दर्ज
आप को बता दें कि 28 फ़रवरी 2022 को उनका जब आखिरी कॉलम "पर्दे के पीछे" प्रकाशित हुआ तब तक वे अपने 26 वर्ष 117 दिन के कार्यकाल के बाद भारत के ही नहीं वरन दुनिया के सबसे पहले स्तम्भकार हो गए इस अनोखे विश्व रिकॉर्ड को गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स द्वारा दर्ज किया गया इस अवसर पर श्रीमती उषा चौकसे, राजू चौकसे एवं आदित्य चौकसे उपस्तिथ रहे थे. एक साधारण से गरिमामय मुलाक़ात में/चौकसे को कंपनी के बिज़नेस हेड जयेश कोठारी एवं पत्रकार शैलेन्द्र जैन द्वारा रिकॉर्ड का प्रमाण पत्र भेंट किया गया था "परदे के पीछे" कोलोम से फ़िल्मी समीक्षा को पाठको द्वारा आज भी बेहद पसंद किया जाने वाला कॉलम माना जाता है.




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