Watch: इस गांव में मवेशी छोड़े तो पड़ेंगे जूते, जानें कहां का है ये तुगलकी फरमान, वीडियो हुआ वायरल देखें
MP News: मध्य प्रदेश के शहडोल के नगनौड़ी ग्राम पंचायत के एक तुगलकी फरमान को लेकर जमकर बवाल हो रहा है. कलेक्टर वंदना वैद्य का ने कहा है कि इस तरह का फरमान सरपंच व सचिव जारी करने के लिए अधिकृत नहीं हैं.
Shahdol News: मध्य प्रदेश के शहडोल जिले की दो ग्राम पंचायतें इन दिनों अपने तुगलकी फरमान के कारण चर्चा में हैं. जिले की जयसिंह नगर और सोहागपुर की दो पंचायतों ने मुनादी पिटवाकर ऐलान किया है कि अगर किसी ने खुले में जानवर छोड़े तो उसे जूते खाने के साथ जुर्माना भी अदा करना होगा. दोनों पंचायतों के सरपंच सचिव की इस मुनादी का वीडियो वायरल होने के बाद शहडोल कलेक्टर ने जांच के निर्देश दिए है.
दरअसल,शहडोल जिले के सोहागपुर जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत खैरहा ने यह फैसला लिया है कि यदि ग्रामीणो के मवेशी खुले में छोड़े गए तो उनको 25 पनही (जूतों) मारने के साथ 1000 रुपये का जुर्माना भी किया जाएगा. इसके लिए बाकायदा पंचायत में मुनादी भी पिटाई कर रही है. इसमें सजा के ऐलान के साथ यह ताकीद भी की जा रही है कि आदेश नहीं माना तो बाद में सरपंच सचिव को इसके लिए दोषी नहीं ठहराना. पंचायत के इस बेतुके तुगलकी फरमान का विडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है.
वीडियो सोशल मीडिया पर हो रहा वायरल
इसी तरह की पहली घटना कुछ दिन पहले शहडोल जिले के जनपद पंचायत जयसिहनगर के ग्राम पंचायत नगनौडी में हुई थी.यहां गांव मे खुले में मवेशी छोड़ने को लेकर पंचायत सचिव द्वारा मुनादी कराकर 5 जूता व 500 रुपये जुर्माने का तुगलकी फरमान किया गया था. मुनादी पिटवाने का यह वीडियो भी सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है.
'हम जांच कर रहे हैं'
वहीं इस मामले में शहड़ोल कलेक्टर वंदना वैद्य का कहना है कि दो ग्राम पंचायतों से इस तरह की मुनादी की शिकायत आई है. हम जांच कर रहे हैं. मुनादी में इस तरह के शब्दों का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए. दोनों जनपद पंचायत के सीईओ को जांच के लिए कहा गया है.
ग्रामीणों में है रोष
पंचायतों के इस फरमान से ग्रामीणो में रोष है.नगनौडी गांव के निवासी बृज किशोर तिवारी का कहना है कि इस तरह की बात कहने से गांव की बेइज्जती हुई है. हम इस पर कार्रवाई चाहते हैं. वहीं गांव के एक और ग्रामीण रामरतन बैगा का कहना है कि गांव में कई सरपंच आए और गए, लेकिन इस तरह का व्यवहार कभी नहीं किया गया. कहा जा रहा है कि मवेशियों को बांधकर रखो नहीं तो जूते पड़ेंगे. हम कार्रवाई की मांग करते हैं.
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