MP News: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा नागदा को जिला बनाने की घोषणा के बाद अब कांग्रेस के 4 विधायकों ने कलेक्टर के पास जिला बनाने के संबंध में प्रस्ताव भेज दिया है. विधायकों का कहना है कि चार बार घोषणा हो चुकी है, मगर अभी तक अमल नहीं हुआ इस बार भी संशय की स्थिति है. 


चुनावी साल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश में 54वें जिले के रूप में नागदा की घोषणा कर दी. इस दौरान उन्हेल को भी तहसील बनाने की घोषणा हो गई. इस घोषणा को लेकर अब श्रेय की राजनीति भी तेज हो गई है. नागदा कांग्रेस विधायक दिलीप गुर्जर के मुताबिक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा चुनाव 2013, 2018 में नागदा को जिला बनाने की घोषणा की थी लेकिन इस पर अमलीजामा कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद हुआ. 


कांग्रेस  देख रही है शक की निगाह से
28 जनवरी 2019 को तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने खाचरोद, नागदा, महिदपुर, आलोट, ताल को मिलाकर नागदा जिला बनाने की घोषणा करते हुए उज्जैन कलेक्टर को पत्र लिखा था. इसके बाद सरकार बदल गई और फिर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा चुनाव के 4 महीने पहले नागदा को जिला बनाने की घोषणा कर दी है. उनकी घोषणा में इस बार भी वास्तविकता से ज्यादा चुनावी वादा दिखाई दे रहा है क्योंकि उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि नागदा को जिला बनाने के साथ ही इसमें जो तहसील खुशी से मिलना चाहे उसे मिलाएंगे. मुख्यमंत्री के इस बयान को कांग्रेस शक की निगाह से देख रही है. 


कांग्रेस के 3 विधायकों ने दिया कलेक्टर को प्रस्ताव
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उज्जैन कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम को नागदा को जिला बनाने का प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए थे. प्रशासनिक अधिकारी प्रस्ताव बना पाते इसके पहले ही कांग्रेस के विधायकों ने अपनी ओर से प्रस्ताव कलेक्टर के सामने प्रस्तुत कर दिया है. नागदा विधायक दिलीप गुर्जर ने नए जिले में नागदा के साथ खाचरोद को सम्मिलित कराने का प्रस्ताव रखा है. जबकि घटिया के कांग्रेस विधायक रामलाल मालवीय ने उन्हें तहसील को नागदा जिले में सम्मिलित किए जाने का प्रस्ताव दिया है. 


इसी प्रकार आलोट के कांग्रेस विधायक मनोज चावला ने आलोट और ताल को नागदा जिले में सम्मिलित कराने का प्रस्ताव और सहमति कलेक्टर को दी है. इस मामले में तराना के विधायक महेश परमार भी तीनों विधायकों के साथ सुर से सुर मिला रहे हैं.


गजट नोटिफिकेशन के बाद बनता है नया जिला
किसी भी प्रदेश में नया जिला बनाने के लिए गजट नोटिफिकेशन किया जाता है. गजट नोटिफिकेशन के 3 महीने बाद नया जिला अमलीजामा पहनता है. विधायक दिलीप गुर्जर के मुताबिक सरकार चाहे तो 1 महीने की समय सीमा में भी नए जिले को लेकर कार्रवाई कर सकती है. इसी के साथ कलेक्टर और एसपी की पदस्थी भी की जा सकती है.


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