MP Cabinet Meet: मध्य प्रदेश में बिन मौसम बारिश (Unseasonal Rain) से खेत में खड़ी फसलें नष्ट हो गई हैं. इस नुकसान की भरपाई की मांग किसान और उनके यूनियन करते आ रहे हैं. अब राज्य सराकर ने राहत देते हुए मुआवजे की घोषणा की है. सरकारी घोषणा के तहत अगर फसल ओलावृष्टि (Hailstorm) या बारिश के कारण नष्ट होता है तो किसानों को प्रति हेक्टेयर 500 से 2000 रुपये अतिरिक्त दिए जाएंगे. 


कैबिनेट की मंगलवार को बैठक हुई जिसमें फसलों के नुकसान पर मुआवजा और लाइनमैन को जोखिम भत्ता देने पर भी बात हुई. सरकार ने मुआवजे के लिए किसानों की दो कैटिगरी बनाई है. पहली कैटिगरी में वे किसान रखे गए हैं जिनके पास दो हेक्टेयर तक खेत है और दूसरी कैटिगरी में वैसे किसान हैं जिनके पास दो हेक्टेयर से अधिक खेती योग्य भूमि है. इसके अलावा आउटसोर्स के तहत बिजली का काम करने वाले लाइनमैन को भी 1000 रुपये जोखिम भत्ता देने का फैसला किया गया है. कैबिनेट का यह निर्णय 1 अप्रैल की जगह 1 मार्च से 2023 से लागू करने का फैसला किया गया है. 


38 हजार किसानों को हुआ है नुकसान
मार्च में एमपी के कई जिलों में तेज बारिश और ओलावृष्टि हुई है जिससे फसलों को काफी नुकसान हुआ है. बीते महीने हुई बारिश में करीब 38 हजार किसानों को नुकसान झेलना पड़ा है. कई ऐसे किसान हैं जिनकी 30 हजार हेक्टेयर से अधिक की फसल नष्ट हो गई. इस दौरान गेहूं, सरसों और आलू की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. बता दें कि बेमौसम बारिश का सिलसिला राज्य में अभी भी जारी है. मंगलवार को ही कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि हुई है और बुधवार को भी धूल भरी आंधी के साथ बारिश के आसार जताए गए हैं.


उधर, किसान के मुद्दे पर सत्तारूढ़ बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे के आमने-सामने आ गई है. सीएम शिवराज सिंह चौहान और पूर्व सीएम कमलनाथ में तू-तू, मैं-मैं की नौबत आ गई है. दरअसल, शिवराज चौहान ने रीवा के किसानों की आय दोगुनी होने का दावा किया था जिस पर कमलनाथ ने कहा, 'शिवराज जी, जनता तो आपको पहले से ही झूठ की मशीन कहती रही है. अब तो आपने पीएम को भी अपने झूठ में शामिल कर लिया है.'


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