MP News: मध्य प्रदेश की करीब छह हजार अवैध कालोनियों को नियमित किया जा रहा है. सरकार ने शहरी क्षेत्रों में अनाधिकृत कॉलोनियों के नियमितिकरण के लिए नियमों को अंतिम रूप दे दिया है. जल्द ही इसका प्रकाशन किया जाएगा. अब इन कालोनियों के निवासियों के घर के नक्शे स्वीकृत हो सकेंगे और वे बैंक लोन भी ले पाएंगे. स्थानीय नगरीय निकाय द्वारा उनमें सड़क, बिजली, पानी, नाली, सफाई सहित अन्य विकास भी किए जाएंगे. सरकार के इस कदम से लाखों लोगों को फायदा होगा.


'निवासियों को मिल सकेंगी कई सुविधाएं'
प्रदेश के नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह का कहना है कि इससे प्रदेश की लगभग छह हजार कॉलोनियों के नियमितीकरण का रास्ता साफ होगा. नियमितीकरण के बाद इन कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को भवन निर्माण की अनुमति मिलने के साथ ही बैंक लोन की सुविधा भी मिल सकेगी.


नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने जानकारी दी है कि नगरीय निकायों में 31 अगस्त से 27 दिसंबर तक कम्पाउंडिंग के 5320 प्रकरण प्राप्त हुए हैं. इनमें से 4264 प्रकरण स्वीकृत किए जा चुके हैं. इससे नगरीय निकायों को 54 करोड़ 45 लाख रुपये की राशि प्रशमन शुल्क के रूप में प्राप्त हुई है. इंदौर नगरपालिक निगम द्वारा सर्वाधिक 1975 प्रकरण स्वीकृत किए गए हैं. इससे निगम को 41 करोड़ 89 लाख रुपये का शुल्क प्राप्त हुआ है. 


मिलेगा छूट का लाभ
अनुज्ञा के बिना या प्रदान की गई अनुज्ञा के उल्लंघन में निर्मित संन्निर्माण के प्रशमन के लिए 28 फरवरी, 2022 तक आवेदन कर शासन द्वारा दी जाने वाली 20 प्रतिशत छूट का लाभ लिया जा सकता है. यह छूट नियम के अनुसार संगणित किये गये प्रशमन शुल्क पर मिलेगी.


नागरिकों के हित में किये गये विशेष प्रयासों से राज्य शासन द्वारा 10 अगस्त, 2021 को कॉलोनियों के नियमितीकरण के संबंध में नगरपालिका अधिनियम में आवश्यक संशोधन किया गया था. इसमें कॉलोनियों के नियमितीकरण के वैधानिक प्रावधान सम्मिलित किए गए. साथ ही अनुज्ञा के बिना अथवा अनुज्ञा के प्रतिकूल भवन बनाए जाने पर कम्पाउंडिंग (प्रशमन) की सीमा को 10 से बढ़ाकर 30 प्रतिशत किया गया है.


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